औरंगाबाद खबर सुप्रभात समाचार सेवा
औरंगाबाद जिला में सूचना अधिकार कानून का धज्जी उड़ाये जाने का खबर आए दिन चर्चा का विषय बना रहता है। लेकिन जब जिलाधिकारी और सूचना जनसंपर्क पदाधिकारी के कार्यालय से भी सूचना अधिकार कानून के तहत सूचना उपलब्ध नहीं कराया जाए और यह कहना कि इस कार्यालय
में सूचना उपलब्ध नहीं है तो सवाल उठता है कि आखिर सूचना उपलब्ध कहां है? बता दें की 12फरवरी 2023 को औरंगाबाद के तत्कालीन जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल ने खबर सुप्रभात को बगैर कारण बताए अचानक अपने न्यूज ग्रुप से मनमानी करते हुए remove कर चुके थे और सरकारी watsapp lock कर दिए थे। जानकारी के
अनुसार तत्कालीन जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल द्वारा न केवल खबर सुप्रभात बल्कि कुछ और मिडिया कर्मियों को भी न्यूज ग्रुप से remove कर चुके हैं।इस संबंध में आलोक कुमार ने तत्काल जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल के कार्यालय से सूचना अधिकार कानून के तहत सूचना मांगा था कि आखिर खबर सुप्रभात को न्यूज ग्रुप से remove करने और सरकारी वाट्सएप नवम्बर ब्लाक करने का मूल कारण क्या है और यह अधिकार संविधान के किस धारा और अनुच्छेद के अंतर्गत आता है। जिलाधिकारी से मांगे गए सूचना के आलोक में दिनांक 21/3/2023ज्ञापांक 2294/गो०के द्वारा मुझे जानकारी दिया गया कि इसकी सूचना मेरे कार्यालय में उपलब्ध नहीं है और इसके लिए जिला सूचना जनसंपर्क पदाधिकारी कार्यालय को आदेशित किया गया है। पुनः जिला जनसंपर्क कार्यालय के पत्रांक 61दिनांक 10/4/2023 के द्वारा आज दिनांक15 /4/2023को निबंधित पत्र के माध्यम से सूचना उपलब्ध कराया गया कि इस कार्यालय में भी सूचना उपलब्ध नहीं है। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर सूचना उपलब्ध कहां है और इसकी सूचना कब और कहां से उपलब्ध होगा ? सवाल यह भी उठता है कि क्या जिलाधिकारी और सूचना जनसंपर्क पदाधिकारी के कार्यालय से भी सूचना अधिकार कानून का हनन और सूचना उपलब्ध कराने के नाम पर लीपापोती और टहलाने का खेल तो नहीं चल रहा है ता कि पदिय शक्ति का दुरपयोग करते हुए मनमानी एवं तानाशाही स्थापित किया जा सके? जाहिर है कि तत्कालीन जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल द्वारा जो घृणित कार्य इस लिए किया गया है कि खबर सुप्रभात उनके मनमाफिक उनके इशारे पर खबर प्रकाशित और प्रसारित नहीं कर जो सच और वास्तविकता है उसे प्रकाशित और प्रसारित कर रहा था तथा जिले में भ्रष्टाचार का किर्तिमान स्थापित हो चुका है उसे इमानदारी पूर्वक आप लोगों यहां तक कि सत्ता के सिंहासन से लेकर उच्च अधिकारियों तक न्यूज़ पोर्टल एवं यूट्यूब चैनल के माध्यम से पहुंचाने का कार्य कर रहा था। इसी लिए सौरभ जोरवाल सहित कुछ अन्य भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों तथा जनप्रतिनिधियों को पेट दर्द कर रहा था और मैं समझता हूं कि आज भी कुछ भ्रष्ट अधिकारियों तथा जनप्रतिनिधियों को पेट में दर्द है।
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