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नवादा लोकसभा चुनाव में  त्रिकोणीय संघर्ष के आसार

डीके अकेला का रिपोर्ट

इस बार नवादा लोकसभा का चुनाव बेहद दिलचस्प और रोचक मोड़ पर आ खड़ा हो गया है। नवादा लोकसभा सीट से कुल 17 प्रत्याशियों ने नामांकन क लिए पर्चा दाखिल किया था । इसमें मात्र 8 प्रत्याशियों का ही नामांकन पत्र सही पाया गया और 9 प्रत्याशियों का जाँच के दौरान नामांकन पत्र अवैध घोषित कर दिया गया।
सभी नामांकन पत्र वैद्य पाये गये प्रत्याशियों ने अब अपना -अपना डफली और अपने राग के साथ जीत फ़तह करने हेतु चुनावी समर में जी जान से कूद पड़े हैं। मतदाताओं से संपर्क साधने में एड़ी चोटी से मुस्तैदीपूर्वक सभी प्रत्याशियों का चुनावी अभियान ज़ोर-शोर से चल रहा है। द्रुत गति से जन संपर्क अभियान वोट के हिसाब तथा वर्तमान स्थिति के दृष्टिकोण से मतदाताओं की गोलबंदी हेतु सघन दौरा अभियान ताबड़तोड़ चलाया जा रहा है। चुनावी अभियान प्रतियोगिता का स्वरूप ग्रहण करने जा रहा है।
ज़िले की मतदाताओं के बीच चल रहे बहस-मुहाबसा के  मौजूदा स्थिति में यह बात छन कर सामने आयी है कि नवादा लोकसभा की चुनाव वास्तव में त्रिकोणीय होने जा रही है । जहाँ भाजपा के विवेक ठाकुर, राजद के श्रवण कुशवाहा और निर्दलीय बिनोद यादव के बीच ही मुख्य चुनावी टक्कर होने जा रहा है। भाजपा के उम्मीदवार विवेक ठाकुर के पक्ष में आर एस एस,विश्व हिंदू परिषद व अन्य अनुषंगी संगठन के साथ लोजपा (चिराग), जितन राम मांझी, उपेंद्र कुशवाहा, तो दूसरी ओर राष्ट्रीय जनता दल में दो फाड़ हो कर दो भागों में विभाजित हो गया है । इसके बावजूद भी राजद प्रत्याशी श्रवण कुशवाहा को इंडिया महागठबंधन के मध्येनजर सीपीआई, सीपीएम और सीपीआई एमएल का साथ मिलेगा। और रही बात निर्दलीय प्रत्याशी बिनोद यादव का ,जो पूर्व राज्य मंत्री चर्चित राजबल्लब प्रसाद यादव के छोटे भाई बिनोद यादव का  ब्रदहस्त प्राप्त है। साथ ही राजद के नवादा के लोकप्रिय विधायक विभा देवी और रजौली के विधायक प्रकाश वीर, नवादा के एलएलसी अशोक कुमार, नवादा जिला परिषद अध्यक्ष पुष्पा कुमारी समेत नवादा लोकसभा के अंतर्गत सभी जगहों पर कमोवेश पकड़ सभी समुदायों व तबकों में है। वैसे मगही व भोजपुरी चर्चित लोक गायक गुंजन सिंह भी चुनावी मैदान में मुस्तैदी से डटे हैं। पर इनका कोई पार्टी, दल व संगठन नहीं है। ये धन-बल गायक और कलाकार के बल पर चुनावी वैतरणी पार करना चाहते हैं, इन सभी  परिस्थितियों में य़ह कहना कोई भी अतिशयोक्ति नहीं है कि नवादा लोकसभा का चुनाव त्रिकोणीय हो चुका है। जबर्दस्त मुकाबला विवेक ठाकुर, बिनोद यादव और श्रवण कुशवाहा के ही बीच होना तय है।
इसमें कौन बाजी मार ले जायगा, इसका स्टीक गवाह भावी दिन ही होगा। चुनावी अभियान में घमासान साथ ही मतदाताओं को रिझाने , आकर्षित करने और मतदाताओं की गोलबंदी में अभी जमीन और आसमान एक कर देने पर तूली है।