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वाद दैनिकी प्रस्तुत करने में हो रही विलम्ब

औरंगाबाद से अधिवक्ता सतीश स्नेही का रिपोर्ट

आज़ व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद में एडिजे सात सुनील कुमार सिंह ने देव थाना कांड संख्या 37/21 में जमानत याचिका के सुनवाई में हो रहे विलम्ब पर थाना प्रभारी को शोकोज किया है अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि सुनवाई वाद दैनिकी और अपराधिक इतिहास के अप्राप्त प्रतिवेदन पर लम्बित है जिससे सुनवाई बाधित हो रही है इन प्रतिवेदन कि मांग 22/03/23 को किया गया था ,स्मार पत्र 05/04/23 को भेजा गया था, थाना प्रभारी को न्यायालय से आदेश दिया गया है कि स्पष्टीकरण संदेह उपस्थित होकर एक सप्ताह के अंदर दे कि क्यों नहीं न्यायिक आदेश के अवहेलना करने पर वरीय पदाधिकारियों को लिखा जाएं, वहीं एक दुसरे मामले के सुनवाई के दौरान नवीनगर थाना प्रभारी को भी शोकोज किया गया है नबीनगर थाना कांड संख्या 27/23
में जमानत याचिका पर सुनवाई हो रही थी वाद दैनिकी 28/03/23 को मांग किया गया था स्मार पत्र 06/04/23 को भेजा गया था, मोबाइल से सूचना दी गई थी परन्तु आज तक प्रतिवेदन अप्राप्त है न्यायालय ने आदेश दिया है कि एक सप्ताह के अंदर सदेह उपस्थित होकर स्पष्टीकरण दे कि किन परिस्थितियों में न्यायालय के आदेश का अवहेलना हुई है, नगर थाना प्रभारी को भी एक पत्र लिखकर कहा गया है कि एक सप्ताह के अंदर नगर थाना कांड संख्या 309/22 में वाद दैनिकी प्रस्तुत करें क्योंकि वाद दैनिकी की मांग 27/02/23 को किया गया था और स्मारपत्र 20/03/23 को भेजा गया था,वाद में जमानत याचिका पर सुनवाई लंबित हैl

2 thoughts on “वाद दैनिकी प्रस्तुत करने में हो रही विलम्ब”

  1. Depois que a maioria dos telefones celulares for desligada, a restrição à entrada incorreta de senha será suspensa. Neste momento, você pode entrar no sistema por meio de impressão digital, reconhecimento facial, etc.

  2. Obter acesso a informações secretas pode lhe dar uma vantagem nos negócios sobre seus concorrentes e, graças aos avanços tecnológicos, a espionagem agora é mais fácil do que nunca.

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