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सड़क दुर्घटना मामलों में लोगों के बीच नियमों की जानकारी के लिए जरूरी जागरूकता, सड़क दुर्घटना में है अन्तरिम मुआवजा का प्रावधान:- सचिव।

औरंगाबाद से अधिवक्ता शतीश स्नेही का रिपोर्ट

प्रेस विज्ञप्ति हाल-फिलहाल के दिनों में देखा गया है कि सड़क दुर्घटनाओं के मामलों में वृद्धि हुई है| इसमें सड़क सुरक्षा से सम्बन्धित नियमों का अनुपालन नहीं होना एक प्रमुख कारण रहा है साथ ही यह भी देखा गया है कि सड़क दुर्घटना के उपरान्त कई तरह के अप्रिय घटनाऐं घटित हुई हैं और प्रशासन और लोगों के बीच नोक-झोक, सड़क जाम जैसी घटनाऐं भी घटित हुई है, जिसकी केन्द्र विन्दु सड़क दुर्घटना के उपरान्त मुआवजा रहा है। जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव, सह अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रणव शंकर ने उक्त मामलों पर संज्ञान लेते हुए आज एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि जागरूकता का अभाव में उक्त घटनाओं का कारण रहा है| लोगो के बिच जागरूकता हेतु प्राधिकार पुरे जिले में जागरूकता अभियान चलायेगी, साथ ही सचिव ने यह कहा कि 15 सितम्बर, 2021 से बिहार मोटर गाड़ी नियमावली से सम्बन्धित नयी नियम लागू हुई है जिसके अन्तर्गत 15 सितम्बर, 2021 के बाद हुए वाहन दुर्घटना के अंतर्गत वाहन दुर्घटना जनित वादो के निष्पादन के लिए दावा न्यायाधीकरण का गठन किया गया है, साथ ही मोटर वाहन दुर्घटना के कारण किसी व्यक्ति की मृत्यु की स्थिति तथा गम्भीर रूप से घायल व्यक्तियों के लिए तत्कालिक अन्तरिम मुआवाजा भुगतान हेतु बिहार वाहन दुर्घटना सहायता निधि का प्रावधान किया गया है, जिसके अन्तर्गत सचिव, जिला सड़क सुरक्षा समिति सह जिला परिवहन पदाधिकारी उक्त मद से वास्तविक देनदारों को भुगतान की कार्रवाई यथा घटना की सत्यता, पीड़ित की पहचान इत्यादि हेतु कार्य करेंगें जिसके अन्तर्गत थानाध्यक्ष, स्वास्थ्य केन्द्र या सदर अस्पताल/मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी एवं मोटर यान निरीक्षक के प्रतिवेदन के आलोक में किसी वाहन दुर्घटना में मृत्यु होने एवं गम्भीर रूप से जख्मी होने की स्थिति में अन्तरिम मुआवजा राशी भुगतान हेतु प्रतिवेदन दुर्घटना दावा जॉंच पदाधिकारी सह अनुमण्डल पदाधिकारी को भेजते हैं। उक्त अनुमण्डल पदाधिकारी के अनुसंशा के आलोक में दुर्घटना दावा मूल्यांकन पदाधिकारी सह जिला पदाधिकारी वाहन दुर्घटना में मृत्यु की स्थिति में मृतक के आश्रितों को (5)पॉच लाख रूपये तथा गम्भीर रूप से जख्मी व्यक्ति को (50)पच्चास हजार रू0 तत्कालिकक अन्तरिम मुआवाजा प्रदान की जाती है। यहां यह भी जानना जरूरी है कि मृतक के आश्रित का तात्पर्य विवाहित मृतक के पति-पत्नी के नहीं रहने पर संतान, एक भी संतान नहीं रहने पर माता-पिता, अविवाहित व्यक्ति की मृत्यु होने पर माता-पिता एवं अविवाहित व्यक्ति माता-पिता के जीवित नहीं रहने पर बहन एवं भाई समान रूप से हकदार होते हैं, तदुरान्त बीमा कम्पनियांे से मोटर दुर्घटना वाद में विधि सम्मत मुआवजा मिलने का प्रावधान है। उक्त समस्त प्रावधान माननीय सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा उषा देवी वगैरह बनाम पवन कुमार वगैरह में दिये गये निर्णय के आलोक में किया गया है परन्तु जागरूकता और जानकारी के अभाव लोग आवेष में कई तरह के अप्रिय घटना कारित करते हैं जिससे आम जन जीवन प्रभावित होने के साथ-साथ वे स्वयं भी कई कानूनी कार्रवाईयों के शिकार होते हैं। जिला विधिक सेवा प्राधिकार लोगों से यह अपील करता है कि वे सड़क सुरक्षा सम्बन्धी कानूनों का पालन करें ताकि सड़क दुर्घटना सम्बन्धी मामलों में कमी आए एवं अगर वे उक्त मामलों के शिकार होते हैं तो बिना किसी परेशानी के उन्हें मुआवजा प्राप्त होगी। अगर मुआवाजा प्राप्त होने में कोई परेशानी होती है तो वे जिला विधिक सेवा प्राधिकार से सम्पर्क कर सकते हैं।

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