नबीनगर संवाद सूत्र खबर सुप्रभात
बिजली विभाग के गलत बिल से जनता त्रस्त एवं आहत है ये बात मानवाधिकार फाउन्डेशन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ0शारदा शर्मा ने बताया। उन्होंने आगे बताया कि बिजली विभाग के कर्मी द्वारा गलत बिल भेज कर मोटे पैसे की वसूली कर रहे हैं। उसी क्रम में डॉ0 शर्मा को भी बिजली का गलत बिल भेज कर पैसे वसूलने का प्रयास किया गया लेकिन जब डॉ0शर्मा
ने कनीय अभियंता से बात किया तो साफ मना कर दिया तो डॉ0शर्मा ने बिजली विभाग नबीनगर के कार्यालय में आवेदन देकर गुहार लगाया कि बिल सुधार कर भेजा जाए ताकि नियमित भुगतान कर सकू कोई सुनवाई न होता देख कार्यपालक अभियंता विद्युत विभाग औरंगाबाद को आवेदन दिया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।जब डॉ0 शर्मा ने बिजली बिल को चेक किया तो बहुत बड़ी गड़बड़ी बिल में दिखा दिनांक 02/09/2022 में 37428 रूपये का बिल था जबकि पहले का कोई बकाया नहीं था मीटर रीडिंग के अनुसार 300या400 रूपये होने चाहिए।दिनांक 02/01/2022 को बिना कोई बिल जामा किए घटकर 29452 रूपये हो गया पुनः बिना बिल जमा किए दिनांक 02/02/2022 को 7838 रूपये का बिल हो गया।बिजली विभाग के कर्मी को लगा की ईस आदमी बहुत मोटा रकम नहीं ठग सकते हैं तो बिल घटाना चालू कर दिया और जब देखा कि गलत एक रुपया भी नही मिलने वाला है तो परेशान करने के लिए दिनांक 03/03/2022 को 8299 रूपये का बिल किया इसके बाद तुरंत अगले माह 01/04/2022 को 27011 रूपये का बिल निकला जिसमे पिछले बकाया 25000 रूपये से अधिक का दिखलाया दिनांक 03/05/2022 को 29170 रूपये का बिल निकला ।नाजायज पैसा न मिलता देख बिजली विभाग कर्मी बौखला गया और अनाप शनाप बिल भेज स्वयं फसता चला जा रहा है।मैं भी सुधर के लिए आवेदन देकर थक गया तो सुचना के अधिकार अधिनियम 2006 के अंतर्गत ब्यौरा का मांग दिनांक 25/05/2022 को किया लेकिन 5 माह तक कोई जवाब नहीं मिला और बिजली बिल बढ़ता चला गया मैंने पुनः दिनांक 25/10/2022 को प्रथम अपील कार्यपालक अभियंता विद्युत विभाग औरंगाबाद को किया तो दिनांक 08/11/2022 को अपने ज्ञापांक 2552 के मध्यम से सहायक विद्युत अभियंता नबीनगर को ब्योरा उपलब्ध कराने का आदेश जारी किया लेकिन इसके बावजूद भी ब्यौरा उपलब्ध नहीं कराई गई इसके बाद दिनांक 30/11/22 को प्रबंध निदेशक विद्युत विभाग पटना द्वितीय अपील कर ब्योरा का मांग किया था लेकिन आज तक सूचना के अधिकार अधिनियम 2006 के अंतर्गत ब्यौरा उपलब्ध नहीं हुआ और बिजली बिल बढ़ाकर 46000 के आस पास कर तुगलकी फरमान जारी कर दिया गया है कि पैसा दीजिए अन्यथा बिजली कनेक्शन काट दिया जाएगा।
इससे तो स्पष्ट होता है कि बिजली विभाग तानाशाह हैं इसके सामने न तो कानून है और न ही कोई सरकार?मैंने अंततः बिहार के मुख्यमंत्री,मानवाधिकार आयोग,जिला पदाधिकारी औरंगाबाद और मुख्य कार्यपालक अभियंता विद्युत विभाग औरंगाबाद को पूर्ण ब्योरा सहित आवेदन दिया हूं ताकि गलत करने वाले के प्रति न्यायसम्मत करवाई हो सके। आगे पूछे जाने पर डॉ0शारदा शर्मा ने कहा कि ये सिर्फ मेरी परेशानी नहीं है ये अधिकाश गरीब जनता की परेशानी है ।मैं न्यायलय में जायूंगा और मुझे पूरा विश्वास है कि न्याय मिलेगा क्योंकि मेरे पास पूरा प्रुफ है। गरीब जनता को डरा धमका कर पैसा वसूल लिया जाता हैं।बिजली बिल को लेकर विधान सभा में भी सवाल उठाए गए लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
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