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2267453 मतदाता करेंगे नवादा के भाग्य का फैसला

डीके अकेला  का रिपोर्ट


लोकसभा चुनाव 2024 के लिए प्रत्याशियों के नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद कुल 8 उम्मीदवार ही अब मैदान में डटे हैं। इन प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला नवादा लोकसभा क्षेत्र के कुल 2267453 मतदाताओं को करना है। काफी उत्साह के साथ सभी प्रत्याशियों और उनके समर्थक नामांकन की प्रक्रिया पूरी कर लिए हैं। परंतु अब उन्हें जनता जनार्दन के दरबार में एवं जन अदालत में जाकर अपने वादों और किये गये कामों का हिसाब-किताब देना होगा। नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद प्रत्याशियों को 2 अप्रैल तक को चुनाव चिन्ह आवंटित कर दिया जायगा। हालांकि राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय पार्टियों के चुनाव चिन्ह पहले से ही चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित होते हैं। मतदाताओं को रिझाने व आकर्षित करने हेतु लोगो के बीच जाने के लिए 17 अप्रैल तक का ही समय निर्धारित है और 19 अप्रैल को मतदान होना तय है।
नामांकन के दौरान नामांकन प्रक्रिया में एक बात और भी सामने आई है कि आधी आबादी को अधिकार और हक देने की बात सभी पार्टियों करते आये हैं। लेकिन दुर्भाग्य तथा विडंबना यह है कि नवादा में एक भी महिला प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में सामने नहीं आई है। पिछले चुनाव में एनडीए से लोजपा प्रत्याशी चंदन सिंह चुनाव जीते थे। इस बार सीट बँटवारे भाजपा को य़ह सीट मिलने के बाद विवेक ठाकुर के झोली में आ गई है। उन्होंने अपने पिछले एनडीए के साथी के द्वारा किए गए कामों का हिसाब भी देना होगा। इस बार नरेंद्र मोदी की बैसाखी और लहर में सवार होकर जीत की नैया व वैतरणी पार होने का ख्वाब लेकर बाहर से आए भाजपा प्रत्याशी विवेक ठाकुर के लिए पिछले एमपी चन्दन सिंह के द्वारा किए गए काम और लोकल बेटा नहीं होने के दोहरी चुनौती का जबर्दस्त सामना करना पड़ेगा। दूसरी तरफ महा गठबंधन के राजद की टिकट पर प्रत्याशी बनने वाले श्रवण कुशवाहा के लिए भी चुनौती कम नहीं है। हालांकि उन्हें स्थानीय नेता होने का कुछ नाम मात्र लाभ मिल सकता है, लेकिन पार्टी के भीतर ही बग़ावती स्वर व तेवर ने जीत की राह बहुत मुश्किल कर दी है। इधर बिनोद यादव भी बग़ावती तेवर में ताल ठोक और कमर करके चुनावी समर में बुलंदी व मुस्तैदी से डटे हैं। इस एतिहासिक चुनावी मैदान में कौन बाजी मारता है और जीत का सेहरा किसके माथे बंधेगा, य़ह तो अभी भविष्य के गर्भ में ही है।