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जिला विधिक सेवा प्राधिकार का अनूठी पहल पर स्लम बस्ती में रहने वाले बच्चो का नामांकन हेतु प्रस्ताव भेजा गया, प्राधिकार हर सामाजिक कार्य के लिए रहता है तत्पर: सचिव

औरंगाबाद से अधिवक्ता शतीश स्नेही का रिपोर्ट


शिक्षा के अधिकार अधिनियम २००९ के तहत गरीबी रेखा से नीचे या स्लम एरिया में रहने वाले बच्चों का निजी विद्यालय में नामांकन कराने हेतु माननीय कर्यकारी अध्यक्ष बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार सह न्यायमूर्ति, पटना उच्च न्यायालय के पहल पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा स्लम एरिया में रहने वाले 15 बच्चों जिसमें 10 लड़कियॉ तथा 05 लड़के का खोज करते हुए नामांकन जिला के प्रमुख निजी विद्यालय में कराने हेतु प्रस्ताव भेजा गया है।
इस सम्बन्ध में जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव प्रणव शंकर ने बताया कि षिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के प्रावधान का अनुपालन हर स्थिति में कराने हेतु माननीय कार्यकारी अध्यक्ष ने बिहार के सभी जिला एवं सत्र न्यायाधीश सभी जिलाधिकारी तथा सभी जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव को ऐसे बच्चो का चयन करते हुए उन्हें नजदीक के विद्यालय में नामांकन कराने हेतु विडियो कांफ्रंेसिंग के माध्यम से दिये गये निर्देश का अनुपालन जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा किया गया है। सचिव द्वारा यह भी बताया गया कि नामांकित बच्चों का पोषाक और पुस्तक सहित सभी सुविधाऐं सम्बन्धित विद्यालय द्वारा प्रदान करने हेतु निर्देश दिया गया है। सचिव द्वारा बताया गया कि जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्षय श्री सम्पूर्णानन्द तिवारी ने पैनल अधिवक्ताओं के माध्यम से ऐसे बच्चों को खोज करने का निर्देश दिया गया था जो स्लम एरिया में रहते हैं और किसी भी विद्यालय में उनका नामांकन नहीं कराया गया है, इस निर्देश के आलोक में पैनल अधिवक्ता द्वारा बच्चो को खोज करते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकार में बुलाया गया एवं सचिव के समुख सभी बच्चो को प्रस्तुत करने पर सभी का आवेदन कार्यालय स्तर से मुहैया कराते हुए तथ्य पत्रक तैयार कर जिला शिक्षा पदाधिकारी को भेजते हुए निदेशित किया गया कि जो बच्चा जिस स्तर के वर्ग के उपयुक्त हो उनका नामांकन हर स्थिति में कराते हुए विद्यालय के नाम के साथ नामांकन की सूची भेजे। सचिव द्वारा यह भी बताया गया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा कई स्तर पर सामाजिक सरोकार से जुड़े कार्यो को किया जाता है और शिक्षा से वंचित बच्चों का नामांकन कराने हेतु की गयी पहल बच्चो के भविष्य के साथ-साथ उन्हें शिक्षित करते हुए देश की मुख्य धारा में जोड़ने का एक सशक्त माध्यम बनेगा।

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