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बाजाज फाइनेंस औरंगाबाद शाखा के काले करतूत से मर्माहत महिला ने पुलिस से लगाया गुहार, इंसाफ मिलने तक करुंगी संघर्ष: कबिता

औरंगाबाद खबर सुप्रभात समाचार सेवा

औरंगाबाद जिले के अम्बा थाना क्षेत्र अंतर्गत परता निवासी कबिता देबी ने थानाध्यक्ष जम्होर, पुलिस अधीक्षक औरंगाबाद तथा पुलिस महानिदेशक बिहार पटना को पत्र लिखकर इंसाफ के गुहार लगाई है। कबिता देबी ने पत्र में उल्लेख किया है कि बाजाज फाइनेंस द्वारा 4 मार्च 2024 को मेरे बेटा अम्बुज कुमार को औरंगाबाद स्थित अपने कार्यालय में बुलाकर दो पेपर उपलब्ध कराया है। एक पेपर बाजाज फाइनेंस का पत्रांक BFL/PS/OCT/2020/2305

दिनांक 05/10/2020 तथा दुसरा पेपर बाजाज फाइनेंस के लीगल अधिवक्ता का पत्रांक LRN/BFL/L2WARGO4985051/076143/2020-21 दिनांक 17/9/2020 है। कबिता देबी ने दावा किया है कि उक्त दोनो पेपर 4 मार्च 2024 के पूर्व मुझे तथा मेरे परिजनों को कभी भी किसी माध्यम से उपलब्ध नहीं कराया गया था। लेकिन उम्मीद है कि बाजाज फाइनेंस कंपनी द्वारा जो पेपर्स 4 मार्च को उपलब्ध कराया गया है वह झूठ का पुलिंदा है तथा अपने किये काले कारनामों पर पर्दा डालने का एक सुनियोजित षड्यंत्र है।और इस षड्यंत्र में कई और लोग भी शामिल हो सकते हैं जो गंभीर जांच का विषय है। बताते चलें कि कबिता देबी ने बाजाज फाइनेंस से स्टोलमेंट पर पल्सर बाइक लिया था। जिसका पंजीयन संख्या BR26L6264 है। किसी कारणवश बाइक का दो किस्त जमा नहीं होने के बाद अचानक बाइक जप्त कर लिया था। आश्चर्य तो यह है कि जब बाइक औरंगाबाद स्थित अभिषेक बजाज के पास सीज़र्स के द्वारा जप्त किया गया था लेकिन सीज़र्स द्वारा सीजर लिस्ट मेरे लड़का को उपलब्ध नहीं कराया गया था। जब इस संबंध में सीजर लिस्ट उपलब्ध कराने का मांग बार बार करते रहा तो सिर्फ आश्वासन और गोल मटोल तथा चिकनी चुपड़ी बात करते रहे। इस क्रम में उक्त बाइक जम्होर थानाक्षेत्र में शराब के धंधा में लिप्त पुलिस के द्वारा बरामद किया गया। जब इसकी जानकारी बार बार जम्होर थाना पुलिस द्वारा मुझे दिया जा रहा था तो मैं सभी परिवार पीड़ित तथा शर्मिंदगी महसूस करते हुए घुटन महसूस कर रहा था। लेकिन पुलिस के समक्ष विषय वस्तु को अवगत कराया तथा पुलिस इस मामले में गंभीरता दिखाई उसके बाद जो बाजाज फाइनेंस द्वारा 4 मार्च 2024 को पेपर्स उपलब्ध कराया गया है वह बैक डेट का पेपर्स उपलब्ध कराया गया है। जो गंभीर चिंता का विषय है। कबिता देबी ने आशंका जाहिर करते हुए कही है कि सीज़र्स के द्वारा षड्यंत्र कर जप्त पल्सर बाइक से कहीं शराब का परिवहन तो नहीं किया जा रहा था? यदि नहीं तो आज तक बाइक का पंजीयन मेरे नाम पर ही क्यों छोड़ दिया गया था? उन्होंने आगे बताईं की इस मामले में मैं स्थानीय पुलिस प्रशासन से उच्चस्तरीय जांच और इंसाफ का अपेक्षा करती हूं। यदि मुझे इंसाफ नहीं मिला तो इसके लिए संघर्ष भी करुंगी।