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फर्जी प्रमाण पत्र व पता पर सुपरवाइजर के नौकरी करने का आरोप, सीडीपीओ पर फर्जी सुपरवाइजर को बचाने का भी लगाया आरोप, जिलाधिकारी से जांचोपरांत कारवाई के लिए लगाया गुहार


औरंगाबाद खबर सुप्रभात समाचार सेवा


औरंगाबाद जिले के नबीनगर बाल विकास परियोजना पदाधिकारी के कार्यालय में सिमी दहिया द्वारा करने तथा सरकार एवं विभाग को चकमा देकर चुना लगाने का आरोप समाजिक कार्यकर्ता व परता निवासी आकाश कुमार ने जिलाधिकारी को आवेदन भेजकर उच्चस्तरीय जांच कराने का मांग किया है। आवेदन में आकाश ने दावा किया है कि नबीनगर बालविकास परियोजना पदाधिकारी के कार्यालय में सिमी दहिया नामक एक सुपरवाइजर बर्षों से कार्यरत हैं तथा अपना नाम एवं पिता का नाम बदलकर सरकार को झांसा देते हुए वेतन मद्द में सरकारी खजाना को चुना लगा रहा है तथा बालविकास परियोजना पदाधिकारी जांचकर कारवाई करने के बदले बचाव करने में जुटे हैं। आकाश ने जिलाधिकारी को दिए गए आवेदन में उल्लेख किया है कि बालविकास परियोजना पदाधिकारी नबीनगर द्वारा पत्रांक 51दिनांक 25/1/2024 के तहत जो आरटीआई के तहत सूचना उपलब्ध कराया गया है वह बिल्कुल चौंकाने वाला तथा आधारहीन सूचना है। बालविकास परियोजना पदाधिकारी नबीनगर द्वारा उपलब्ध कराया गया सूचना के अवलोकन से यह साफ़ जाहिर होता है कि फर्जी प्रमाण पत्र व पता पर कार्यरत सुपरवाइजर सिमी दहिया के द्वारा प्रभाव में आकर उसे बचाने के लिए उसी के भाषा में सूचना उपलब्ध कराया गया है जो दुर्भाग्यपूर्ण है। सिमी दहिया पिता किशन दहिया दर असल ग्राम पंचायत परता के मुखिया श्याम बिहारी राय उर्फ श्याम बिहारी पासवान के पुत्री है और वह गलत पता एवं प्रमाण पत्र पर सुपरवाइजर के नौकरी कर रही है। आकाश ने आगे बताया कि मुखिया के पुत्र नवनीत कुमार राय उर्फ नवनीत पासवान पूर्व से आवास सहायक से बर्खास्त हो चुका है तथा यदि उच्चस्तरीय जांच कराया जाए तो उसका भी प्रमाण पत्र फर्जी साबित होने का प्रबल संभावना है। मुखिया के पुत्र वधू व बर्खास्त आवास सहायक नवनीत कुमार राय उर्फ नवनीत पासवान के पत्णी अनिता कुमारी का भी शिक्षक नियोजन फर्जी प्रमाण पत्र पर हुआ है जिसका जांच निगरानी अन्वेषण ब्यूरो पटना द्वारा चल रहा है और इस मामले में पटना उच्च न्यायालय ने पीएलआई भी दाखिल किया गया है। उन्होंने आगे बताया कि मुखिया द्वारा ग्राम पंचायत में कराए गए आमसभा/वार्ड सभा तथा योजनाओं में मनमानी एवं पैसे का बंदरबांट के विरुद्ध भी पटना उच्च न्यायालय में पीएलआई दाखिल किया गया है।