केन्द्रीय न्यूज डेस्क खबर सुप्रभात समाचार सेवा
12 जनवरी को क्रांतिकारी किसान यूनियन की आनलाइन बैठक संपन्न हुई। जिसमें पंजाब, हरियाणा, यूपी, राजस्थान, बिहार और झारखंड के सभी प्रमुख नेता शामिल रहे।
बैठक में सरकारी न्यूज एजेंसियों के हवाले से पंजाब के मीडिया द्वारा राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. दर्शन पाल को एक बार फिर माओवादी बताए जाने की कड़ी निन्दा की। बैठक में शामिल यूनियन नेताओं का मानना था कि किसान आंदोलन, खासकर उसके प्रमुख नेताओं को बदनाम करने और दमन का निशाना बनाने की एक गहरी साजिश के तहत इस तरह का बेबुनियाद और झूठा प्रचार किया जा रहा है। चूँकि केन्द्र सरकार पहले ही देश के कई प्रतिष्ठित बुद्धिजीवियों और लोकतांत्रिक अधिकार कार्यकर्ताओं को प्रतिबंधित पार्टी से जोड़कर झूठे आरोपों में जेल में डाल चुकी है, यह भी एक मीडिया ट्रायल है। मीडिया को ऐसे बेबुनियाद मुद्दों को उठाने के बजाय लोगों के मुद्दों और संघर्षों पर गंभीरता से रिपोर्ट करनी चाहिए। डाॅ. दर्शनपाल एक सुप्रसिद्ध सार्वजनिक लोकतांत्रिक व्यक्तित्व हैं, जो दशकों से श्रमिकों, किसानों के हितों की रक्षा, पंजाब के हितों और साम्राज्यवाद और कॉर्पोरेटपरस्त पूंजी और जन-विरोधी नीतियों के खिलाफ खड़े रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा लड़े गए ऐतिहासिक किसान आंदोलन के दौरान भी सरकार और गोदी मीडिया ने इसी तरह मनगढ़ंत कहानियां फैलाकर और भ्रम पैदा कर आंदोलन को तोड़ने की कोशिश की थी। जिसे किसान संगठनों की एकता और किसानों के दृढ़ संकल्प ने असफल कर दिया। अब भी किसान नेताओं का नेतृत्व करने और किसान आंदोलन को बदनाम करने की साजिशों को सफल नहीं होने दिया जाएगा और किसान एकता और किसान आंदोलन को मजबूत करके ऐसे घटिया प्रयासों को परास्त किया जाएगा।
बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा घोषित आगामी कार्यक्रमों को सफल बनाने पर चर्चा हुई। 16 जनवरी, 2024 को जालंधर में होने वाले संयुक्त किसान मोर्चा के अखिल भारतीय सम्मेलन को सफल बनाने की अपील करते हुए यूनियन की भागीदारी तय की गई।
यूनियन पंजाब के अलावा हरियाणा, यूपी, बिहार, राजस्थान और झारखंड में सभी घटक संगठनों के साथ मिलकर 10 जनवरी से 20 जनवरी तक मजदूर किसान एकता के लिए अखिल भारतीय जनजागरण में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगी। साथ 26 जनवरी को किसान ट्रेक्टर परेड की ऐतिहासिक सफलता के लिए गांव-गांव प्रचार-प्रसार करेंगें।
बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. दर्शन पाल के अलावा पंजाब से गुरमीत सिंह, महिमा, हरभजन सिंह भुट्टर, अवतार सिंह महिमा, हरियाणा से कर्नेल सिंह, अमोल, बिहार से मनोज कुमार, चन्द्र मोहन पटेल, रोहित, विकास , आदयानंद यादव, राजस्थान से बजरंग लाल, मानस, नंदलाल, करणी राम, झारखंड से सुभाष, अशोक पाल, यूपी से शशिकांत अलीगढ़, रामनयन यादव, प्रेमनारायण, बलवंत यादव, रामजी सिंह, गरीब राजभर, हरीसिंह यादव, अनिल यादव, एकादशी यादव, नगेन्द्र सिंह, सुरेश चन्द्र गांधी, कमलेश कमल, दिनेश कुमार, उपेन्द्र कुमार शामिल रहे।