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प्रधानमंत्री मोदी का चहुंओर हो रहा भारी विरोध, महंगाई और बेरोजगारी से त्रस्त जनता का फुटा गुस्सा

केन्द्रीय न्यूज डेस्क खबर सुप्रभात

इन दिनों पीएम नरेंद्र दास मोदी का विरोध पुरे देश में शुरू होने लगा है। महंगाई भ्रष्टाचार झूठे वायदे तथा तानाशाह प्रवृत्ति को आखिर देश वासी कबतक बर्दाश्त करते रहें इसकी भी सीमा होती है। देश का इतिहास गवाह है कि यहां यदि कोई भी शासक झूठे वायदे करते रहे हैं और तानाशाही नीति अपनाते हुए अपना फैसला देश पर थोपने का प्रयास किये हैं तो देश अधिक दिनों तक बर्दाश्त नहीं किया है और उनका विरोध ही नहीं बल्कि सत्ता से बेदखल भी किया है और भारतीय लोकतंत्र का यही खुबसूरती है। लेकिन पीएम मोदी ने इसे नहीं तो ख्याल रखें और नहीं इतिहास से सबक लेकर अपने को संयमित रहे। पीएम मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो उनके तानाशाही प्रवृत्ति का नतीजा गोधरा कांड सामने आया था और देश के उस समय तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई जो कि भाजपा के ही थे ने कहे थे कि गुजरात सरकार और खासकर सरकार के मुख्यमंत्री नरेंद्र दास मोदी राजधर्म का पालन नहीं कर रहे हैं और तब पुनः उनके झांसे में आकर देश के जनता प्रधानमंत्री बना दिया जो कि एक इतिहासिक भूल ही कहा जा सकता है।

पीएम के इस इतिहासिक भूल का परिणाम अब धिरे धिरे जनाक्रोश के रुप में झेलना प्रारंभ हो गया है और देश में भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही में अपने गृह राज्य गुजरात के तीन दिवसीय दौरे पर पहुंचते ही भारी विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ा और गुजरात से मध्यप्रदेश के उज्जैन पहुंचने पर वहां भी पीएम मोदी के

विरुद्ध विशाल जन प्रदर्शन किया गया और पीएम का विरोध हुआ। उल्लेखनीय है कि पीएम मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो गुजरात में विकास करने का प्रचार पुरे देश में किया जा रहा है और गुजरात माडल का ढिंढोरा पीटा जा रहा है। लेकिन गुजरात में विकास के दावे के साथ पीटे जा रहे ढिंढोरा का सरे जमीं पर असलियत कुछ और ही बाया कर रहा है। गुजरात में गरीबी, बेरोजगारी का फौज स्वास्थ्य, चिकित्सा तथा शिक्षा का भी हालत नाजुक हैं। जब मोदी को प्रधानमंत्री का उम्मीदवार एनडीए द्वारा घोषित किया गया था तो देश में झूठ का ढिंढोरा पीटा गया था कि पीएम मोदी अविवाहित हैं और जो भी इनके पास है वह मात्र देशभक्ति का जज्बा है और कुछ भी नहीं है लेकिन सच्चाई यह है कि अपने को अविवाहित होने का मात्र धोखा और छलावा साबित हुआ है। पीएम मोदी ने चुनावी सभा को संबोधित करते कहा करते थे कि मैं न खाउंगा और नहीं खाने दुंगा।

लेकिन प्रधानमंत्री बनने के बाद देश के चौकीदार होने का दम भरनेवाले प्रधानमंत्री सोते रहे और नीरभ मोदी पैसा लेकर देश से भागने में सफल रहे। रातो रात अचानक नोटबंदी, जीएसटी, किसान विरोधी काले कानून, विरोधियों के टारगेट कर ईडी, सीबीआई से छापेमारी, रोजगार देने के झूठे वायदे आज प्रधानमंत्री को जन विरोध का सामना पुरे देश में करना पड़ रहा है।

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