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जिलाधिकारी को सौंपा मांगपत्र

नवादा संवाद सूत्र खबर सुप्रभात समाचार सेवा

पटना उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में घोषित रजौली अनुमंडल के सप्त ऋषि के तपस्वी स्थल एवं आश्रम को पर्यटक स्थल के बतौर व्यवहारिक रूप में समग्र विकास हेतु जिला पदाधिकारी, नवादा को 4 सूत्री मांग से सम्बन्धित एक स्मार पत्र को लेकर सोसाइटी ऑफ NGO अवेयरनेस, आर्यभट्ट एजुकेशन सोशल साइंस और लोक स्वातंत्र्य संगठन ( पीयूसीएल ) के तत्वावधान में तीन सदस्य प्रतिनिधि मंडल के द्वारा सौपा गया।


सोसाईटी ऑफ NGO अवेयरनेस सह आर्यभट्ट एजुकेशन सोशल साइंस के राष्ट्रीय अध्यक्ष-महेन्द्र प्रसाद शर्मा, पीयूसीएल के राष्ट्रीय पार्षद- दिनेश कुमार अकेला और सामाजिक कार्यकर्ता दिलीप यादव ने जिला पदाधिकारी, नवादा को 4 सूत्री मांग से संबद्ध स्मार पत्र सौंपते हुए गहन विचार -विमर्श को साक्षा किया है। नवादा जिला पदाधिकारी से सकारात्मक वार्ता के दौरान डीएम नवादा ने कहा कि मैं पर्यटन विभाग के द्वारा माँगा गया DPR से संबद्ध प्रारूप के अनुसार तैयार किया गया रिपोर्ट से मैं खुद ही संतुष्ट नहीं हूँ। इसीलिये मैं अंचल अधिकारी रजौली से पुनः वार्ता के बाद डी पी आर का सही रिपोर्ट को अनुमोदित कर के सम्बन्धित अधिकारी के पास जल्द ही भेजूंगा। भेजे गए मांग पत्र में प्राथमिकता के आधार पर घोषित पर्यटक स्थल रजौली का सर्वाधिक विकास, मांगे गए पर्यटन विभाग द्वारा सही विकास के प्रारूप को सम्बंधित विभाग को अविलंब भेजने, रजौली पर्यटन क्षेत्र के अंतर्गत युद्ध स्तर पर कुटीर उद्योगों का जाल बिछाकर बेरोजगार ग्रामीणों को रोजगार से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाने के साथ ही तमाम सरकार प्रदत्त सुविधाओं व योजनाओं को ईमानदारी पूर्वक व्यवहारिक अमलीजामा पहनाने के लिए धरातल पर असली लाभुकों तक पहुंचाने की गारंटी सुनिश्चित करना है।
नवादा जिला पदाधिकारी और जन प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों के बीच सौहार्दपूर्ण वातावरण में काफी सकारात्मक उत्साहवर्धक वार्ता हुई। जिला पदाधिकारी नवादा के आश्वासन और वादा पर बेहद आशा, विश्वास और भरोसा है कि सप्त ऋषि के तपस्वी स्थल एवं आश्रम का समग्र विकास अब द्रुत गति से होने में दुनिया की कोई भी ताकत नहीं रोक पाएगी। इसके लिए नवादा जिला के लोग बहुत उत्साहित व गौरवान्वित है। नवादा जिला की जनता की य़ह एक एतिहासिक अद्भुत जीत व उपलब्धि है। अथक प्रयास और लंबे संघर्ष के उपरांत यह अनमोल जीत जिले की जनता के लिए एक मील का पत्थर सिद्ध होने में बेहद कामयाब हुआ है। इस एतिहासिक धरोहर को संयोगने और सँवारने की सख्त जरूरत है।

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