अम्बुज कुमार, खबर सुप्रभात
भारत माला परियोजना के तहत ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे में होने जा रही भूमि अधिग्रहण को लेकर प्रभावित किसान काफी रोष में हैं। आज किसान संघर्ष समिति के ११ सदस्यीय शिष्ट मंडल ने जिला पदाधिकारी से मिलकर अपनी मांगो को दोहराया लेकिन एक भी मांग मानने से जिला
पदाधिकारी ने इंकार कर दिया । इस बात को लेकर किसान काफी चिंतित और हताश है । इस बाबत किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष वीरेंदर पाण्डेय ने कहा की अब हमारे सामने केवल दो ही विकल्प है एक न्यायलय और दूसरा आन्दोलन। श्री पांडेय ने कहा कि सरकार और अफसरों की
मनमानी हम नहीं चलने देंगे, हम अपना हक़ लेकर ही रहेंगे ।
किसानो का शिष्टमंडल एडीएम सह भू अर्जन पदाधिकारी से भी मिला। उनके साथ हुई लम्बी वार्ता में किसानों अपना कई प्रश्न रखा जिसका उत्तर उन्होनें दिया पर एक भी उत्तर किसान के पक्ष में नहीं था। उनसे जब पूछा गया कि वैसी भूमि जो सड़क के किनारे है या राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे है उसका मुआवजा किसान को क्या मिलेगा तो उन्होंने स्पष्ट रूप से बाताया कि हमें सरकार से जो निर्देश प्राप्त है हम वही करेंगे। भूमि चाहे जहाँ की भी हो वर्तमान स्वरुप में यदि वह प्लॉट खाली है तो उसे भीठ धनहर का ही मुआवजा दिया जायेगा ।
किसान संघर्ष समिति के मिडिया प्रभारी राजन तिवारी और विकाश कुमार सिंह ने जब उनसे सवाल किया कि वैसे अधिग्रहण वाली भूमि जो आवासीय दर पर केवाला के माध्यम से खरीदगी की गई और सरकार को आवासीय का कर भुगतान भी किया गया है पर वर्तमान समय में वह खाली पड़ा हुआ है वैसी जमीनों को क्या होगा ? वैसे जमींन का क्या मुआवाज मिलेगा ? इस सवाल पर भी भू अर्जन पदाधिकारी ने भारत सरकार के NHAI कानून का हवाला देते हुए कहा की हम ऐसे जमीन का भी आवासीय भुगतान नहीं करेंगे, वर्तमान स्वरूप जो दिख रहा है उसी हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा।
शिष्टमंडल का यह भी सवाल था कि NHAI के तहत दिल्ली कटरा एक्सप्रेस वे में किसानो को नेशनल हाईवे के किनारे मुआवजा एक करोड़ बयासी लाख चालीस हजार तीन सौ बीस रूपए प्रति एकड़ रुपया दिया गया है तो यहाँ के नेशनल हाईवे के किनारे के जमीनों का मुआवजा कटरा एक्सप्रेस वे के अनुरूप क्यों नहीं है? इस पर पदाधिकारी ने अपने आप को सरकार के दिशा निर्देश पर बंधे होने के हवाला देते हुए किसानो को न्यायलय में जाने का सुझाव दिया ।
इस मौके पर किसान संघर्ष समिति के अधयक्ष विरेंद पाण्डेय, सचिव जगत सिंह , बलराम सिंह , रमाकांत पाण्डेय , विजेंद्र पाण्डेय , राज कुमार सिंह , आदि उपस्थित थे ।
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