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राजद में बगावत : जेल में बंद पूर्व मंत्री राजबलभ यादव ने अपने भाई के समर्थन मे आए आगे, एमएलसी अशोक यादव भी बिनोद यादव को किया समर्थन, निर्दलीय चुनाव लडेंगे विनोद यादव

नवादा से डीके अकेला का रिपोर्ट


नवादा संसदीय सीट के लिए व्यवसायिक धंधा के तौर पर राजद का टिकट प्रदेश सचिव श्रवण कुशवाहा को दिए जाने के विरूद्ध में राजद के पूर्व राज्य मंत्री राजबल्लब प्रसाद के सबल समर्थक एक बार फिर लालू प्रसाद के विरूद्ध बगावत में ताल ठोककर चुनावी मैदान में कमर कसकर उतर गए हैं।
नवादा लोक सभा से राजबल्लब प्रसाद के अनुज भाई बिनोद यादव निर्दलीय उम्मीदवार के बतौर चुनाव मुस्तैदी से लङेगे। शनिवार को राजबल्लब प्रसाद के पैतृक गांव पत्थरा इंग्लिश में अरविन्द चन्द्रवंशी की अध्यक्षता में कार्यकताओं व समर्थकों की बेमिसाल जानदार बैठक हुई। बैठक का संचालन पूर्व शिक्षक मथुरा यादव ने किया।


उक्त बैठक में राजद के नवादा विधायक विभा देवी ,रजौली सुरक्षित के विधायक प्रकाश वीर , विधान परिषद अशोक कुमार, और जिला परिषद अध्यक्ष पुष्पा कुमारी,शेखपुरा से राजद के महासचिव विजय यादव, राजद महिला प्रकोष्ठ की उपाध्यक्ष नीलम प्रवीन, राजद के बरिष्ट कद्दावर नेता प्रिन्स तमन्ना समेत दर्जनों जिला

परिषद सदस्य, मुखिया, सरपंच, समिति व वार्ड सदस्य उपस्थित थे। राजद के वरिष्ठ नेता आलम साहेब ने बेझिझक कहा कि 1990 में जब लालू प्रसाद की सरकार अल्पमत में आने वाली थी ,तब पूर्व राज्य मंत्री राजबल्लब प्रसाद के बङे भाई व वर्तमान एम एल सी अशोक कुमार के पिता स्वर्गीय कृष्णा प्रसाद यादव ने 13 विधायक को लेकर लालू यादव को समर्थन देकर उनकी सरकार बचाई थी।
आज लालू यादव और उनके पुत्र तेजस्वी यादव जिस उच्चाई पर हैं, तो इसकी वजह यह भी है।

एम एल सी अशोक यादव ने कहा कि राजद हमारे परिवार के साथ कर रहा है अनदेखी।

विधान परिषद अशोक यादव ने खुलेआम कहा कि पिछले विधान परिषद चुनाव से राजद की ओर से पूर्व राज्य मंत्री राजबल्लब प्रसाद की परिवार की अनदेखी की जा रही है। इसका जबाव किस रूप में दिया जाएगा यह आप सभी सम्वेदनशील लोगों तय करना है। पार्टी में हमारे दादा स्वर्गीय जेहल यादव से लेकर मेरे पिता स्वर्गीय कृष्णा प्रसाद यादव और चाचा पूर्व राज्य मंत्री राजबल्लब प्रसाद गरीब गुरबा की और समाज के दबे- कुचले लोगों की हक व अधिकार की लङाई लङते आ रहे हैं। उसी का परिणाम है कि मेरे जैसे लोग को कम समय में निर्दलीय विधान परिषद बनने का सुअवसर प्राप्त हुआ।
मेरा परिवार न घूस लेता न देता है। यह भाई बिनोद यादव की उक्ति है भाई बिनोद यादव स्पष्ट कहा कि लालू यादव ने उन्हें 19 मार्च को पटना में बुलाया। टिकट देने की बात कही। 21 मार्च फिर बुलाया और कहा कि पार्टी फंड में मदद करिये। मैंने स्पष्ट जबाव दिया कि घूस खोजेएगा तो सुन लीजिए मेरा परिवार न तो घूस लेता है और न तो घूस देता है।इसी वजह से मुझे सिम्बल नहीं मिला।
पूर्व राज्य मंत्री के परिवार का लालू प्रसाद से यह तीसरा विद्रोह है।
राजद प्रमुख लालू यादव से विद्रोह का यह पहली नहीं बल्कि यह तीसरी घटना है।1995 में जनता दल से राजबल्लब प्रसाद को टिकट काट दिया गया।तब वे निर्दलीय छाता छाप से चुनाव लङे। लालू यादव के उम्मीदवार को पराजित ही नहीं, बल्कि जमानत जप्त करवा दी।2000 में जनता दल से लङकर पुनः राजबल्लब प्रसाद विधायक निर्वाचित हुए।
दुसरी दफा दो वर्ष पूर्व विधान परिषद के चुनाव में राजद की ओर से अधिकृत उम्मीदवार श्रवण कुशवाहा को चुनावी मैदान में उतारा गया था,तब राजबल्लब प्रसाद के भतीजा अशोक यादव बागी होकर चुनाव लङ गये और राजद उम्मीदवार को पलटनिया दे दिया था।
अब यह तीसरा अवसर है जब व नवादा से राजद के घोषित उम्मीदवार श्रवण कुशवाहा के खिलाफ पूर्व राज्य मंत्री राजबल्लब प्रसाद के परिवार ने ताल ठोककर बगावत की बिगुल बजा दी है। राजबल्लब प्रसाद के अनुज भाई बिनोद यादव निर्दलीय उम्मीदवार के बतौर चुनावी मैदान में कमर कसकर उतरेंगे। बिनोद यादव प्रदेश महासचिव व प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।
डी के अकेला , प्रतिनिधि ,खबर सुप्रभात, मगध प्रमंडल, गया।