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नल जल अनुरक्षण अनुदान राशि उपलब्ध कराने के बावजूद नहीं हुआ रिपेयरिंग, आखिर क्यों मेहरबान हैं वार्ड सदस्यों एवं क्रियान्वयन व प्रबंधकार्णी समिति पर थानाध्यक्ष, प्रशासनिक आदेश का हो रहा अनदेखी, 23मई को पंचायत समिति सदस्यों द्वारा लगाए गए आरोपों का मुहर लग रहा है आरटीआई के जवाब से।

अम्बा खबर सुप्रभात समाचार सेवा

औरंगाबाद जिला प्रशासन के आदेशानुसार मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना के राशि में हुए घपला -घोटाला करने वाले कुटुम्बा प्रखंड के 15 वार्ड सदस्यों एवं क्रियान्वयन व प्रबंधकार्णी समिति के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करते हुए पैसा वसूल करने का आदेश जिला पंचायत राज पदाधिकारी के पत्रांक 424 दिनांक 28/2/2023 को दिया गया था। जिला पंचायत राज पदाधिकारी के आदेशानुसार कुटुम्बा प्रखंड के

संबंधित थानों में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए थानों में आवेदन दिया गया लेकिन दो माह बितने के बावजूद अभी तक प्राथमिकी दर्ज नहीं हो सका है। इसकी जानकारी कुटुम्बा के प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी हरेंद्र कुमार चौधरी ने पत्रांक 123दिनांक 24/4/2023 को आरटीआई कानून के तहत दिए गए सूचना से होता है। पंचायत राज पदाधिकारी द्वारा दिए गए सूचना से एक साथ कई सवाल खड़ा जनमानस के बीच हो रहा है। क्या संबंधित थानाध्यक्ष प्राथमिकी दर्ज करने के बदले आखिर मेहरबान क्यों हैं? यदि प्रशासनिक आदेश को ठेंगा दिखाते हुए दो माह में भी स्थानीय थाना में प्राथमिकी दर्ज नहीं किया गया तो पंचायत राज पदाधिकारी आखिर मौन क्यों हैं? क्या इस घपला -घोटाला के राशि में ए लोग भी तो शामिल नहीं हैं? 23मई 2023 को पंचायत समिति सदस्यों ने जो आरोप लगाया है कि विकास योजनाओं के राशि में 23प्रतिशत तक कमिशन वसुला जाता है और हैसियत के अनुसार संबंधित टेबल पर हिस्सेदारी पहुंचता है इस आरोपों पर क्या मुहर नहीं लग रहा है? पंचायत राज पदाधिकारी द्वारा आरटीआई कानून से जो खुलासा हुआ है उसमें एक और मामला प्रकाश में आया है। बर्ष 2023-24में प्रखंड के सभी वार्डों में नल जल योजना का अनुरक्षण अनुदान हेतु सभी वार्डों में 24हजार रुपए तथा जिला पंचायत शाखा औरंगाबाद के द्वारा 12हजार रुपए यानी सभी वार्डों में 36-36हजार रुपए उपलब्ध कराया गया लेकिन जानकारी के अनुसार प्रखंड में शायद ही कुछ नल जल रिपेयरिंग कराया गया होगा और पैसा का अभी तक दुरपयोग किया गया है। फलस्वरूप इस भीषण गर्मी में ग्रामीणों के समक्ष पेयजल संकट व्याप्त है और अधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधि तक तमाशबीन बने हुए हैं या फिर इनके मिली भगत का नतीजा है इसलिए चुप्पी साधे हुए हैं।

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  1. Podczas robienia zdjęć telefonem komórkowym lub tabletem należy włączyć funkcję usługi pozycjonowania GPS w urządzeniu, w przeciwnym razie nie można zlokalizować telefonu komórkowego.

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