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श्राद्ध कर्म में जाना कोई अपराध नहीं होता फिर अर्धसैनिक बलों द्वारा रोकने का मकसद क्या है जिला प्रशासन को जबाब देना चाहिए , मिडिया को भी जानें से रोका गया जोकि लोकतंत्र के हत्या है , मिडिया को रोककर आखिर क्या छुपाना चाहती है प्रशासन : रीना सिंह

आलोक कुमार , केन्द्रीय न्यूज डेस्क खबर सुप्रभात

आज सोमवार को इतिहास के कड़ी में एक और काला पक्ष तब जुड गया जब गया जिला के लूटुवा थाना क्षेत्र में बाबूराम डीह आश्रम पर अर्धसैनिक बलों द्वारा मिडिया को एवं कुछ अन्य लोगों को भी बाबू राम डीह जाने से रोक दिया गया। बता दें कि आज भाकपा ( माओवादी ) के कद्दावर नेता बिजय यादव उर्फ संदीप उर्फ रुपेश उर्फ बड़े शाहब जो का पैतृक गांव बाबूराम डीह में हिंदू रीति रिवाज से श्राद्ध कर्म आयोजित था।इस अवसर पर दिवंगत नेता के पिता रामदेव यादव अपने स्तर अपने सग्गे संबंधियों और शुभचिंतकों यहां तक कि मिडिया को भी आमंत्रित किए थे।

आमंत्रण के आलोक में लोग बाबूराम डीह जा रहे थे लेकिन क्रुरता का परिचय देते हुए बाबूराम डीह आश्रम के पास जानेवाले आगंतुकों को अर्द्धसैनिक बल के जवानों द्वारा रोका जा रहा था। यहां तक कि मिडिया कर्मियों को भी आश्रम से आगे बढ़ने का अनुमति नहीं दिया गया फल स्वरूप मिडिया कर्मी भी वापस लौटने के लिए मजबूर हो गए। अर्द्धसैनिक बलों द्वारा इस तरह के क्रुरता पूर्ण कारवाई का निंदा करते हुए हम पार्टी के महिला प्रकोष्ठ के गया जिला के अध्यक्ष रीना सिंह ने जानना चाहा है कि आखिर मिडिया को रोककर क्या छुपाना चाहती है जिला प्रशासन और अर्द्धसैनिक बलों के जवान ?

रीना सिंह के अलावे गया के चर्चित समाजसेवी और लेखक बालेश्वर भीक्षु भी अपना कडा प्रतिक्रिया ब्यक्त करते हुए कहे कि शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो रहे श्राद्ध कर्म में किसी भी लोगों को जानें से अर्द्धसैनिक बलों द्वारा रोकने कार्य किसी भी माप दण्ड से उचित नहीं है और मिडिया को रोकने का मतलब सच्चाई को सामने लाने से रोकने का कार्य किया गया है। भगतसिंह विचार मंच के विकास भुनेश्वर ने कहा कि अर्द्धसैनिक बलों द्वारा मिडिया को रोकने का मतलब अर्द्धसैनिक बल फिर एक बार अपना क्रुर चेहरा सामने प्रदर्शित किया है तथा लोकतंत्र का हत्या करने का कार्य किया है

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