औरंगाबाद खबर सुप्रभात सामाचार सेवा
व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद में एडिजे तीन ब्रजेश कुमार सिंह ने कुटुम्बा थाना कांड संख्या 157/21 में सज़ा के बिन्दु पर सुनवाई करते हुए एकमात्र अभियुक्त को सज़ा सुनाई है, एपीपी महेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि अभियुक्त को 01/08/23 को भादंवि धारा 302 और 201 में दोषी पाते हुए बंधपत्र विखंडित कर जेल भेज दिया था आज सजा के बिन्दु पर सुनवाई करते हुए न्यायधीश ने भादंवि धारा 304 बी में सात साल की सजा और भादंवि धारा 201 में एक साल की सजा और दस हजार जुर्माना लगाया है जुर्माना न देने पर तीन माह अतिरिक्त कारावास होगी दोनों सजाएं साथ साथ चलेंगी,बहस के दौरान बचाव पक्ष ने कम से कम सज़ा की मांग की, सरकार की ओर से पक्ष रखते हुए एपीपी ने कहा कि दहेज हत्या समाज का अभिशाप है इसलिए अधिकतम सज़ा सुनाई जाए, दोनों पक्षों के सुनने के पश्चात न्यायधीश ने सजा सुनाई, अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि प्राथमिकी 23/09/21 को सूचक महेंद्र मेहतो दुल्ही पंडवा पलामू दर्ज कराई थी जिसमें कहा था कि उसकी छोटी बेटी प्रीति कुमारी की शादी लवकुमार मेहता दधपाविगहा कुटुम्बा से 14/05/21 को हिन्दू रीति रिवाज से की थी,दो माह बाद ससुराल वालों ने पांच लाख की मांग करने लगे तथा मानसिक और शारीरिक यातना देने लगे, जिसकी जानकारी अपने पिता को फ़ोन पर पुत्री ने दी, असमर्थता के कारण पिता अपने बेटी को दिलासा देते रहा कि सब धीरे धीरे ठीक हो जाएगा, बेटी कुछ दिनों के लिए मयके आकर फिर 20/09/21 को ससुराल चली गई 22/09/21 को ससुराल के ग्रामीणो ने फोन पर खबर दी कि आपकी बेटी को ससुराल वालों ने हत्या कर लाश को ठिकाने लगाने नदी तरफ गए हैं,जब हम सब नदी तरफ गए तो हम लोगों ने देखा कि एक बोरी में कुछ लेकर ससुराल वाले जा रहे हैं जो हम सब को देखते ही बोरी छोड़कर फरार हो गए तब हमलोगों ने बोरी खोलकर देखा तो अपनी छोटी बेटी का लाश पाया,जिसके गर्दन पर रस्सी लपेटने की निशानी थे जिसे लेकर ससुराल वालों के घर पहुंचे और पुलिस को खबर की और प्राथमिकी दर्ज कराई, इस वाद में अभियुक्त पहली बार पांच दिन पूर्व ही हाईकोर्ट से जमानत पर छुटा था जिसकी चर्चा न्यायालय में हो रही थी।