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राष्ट्रीय लोक अदालत का हुआ सफल आयोजन, वादों के निष्पादन में सभी की सक्रिय भूमिका : जिला जज,
प्रेम सद्भावना और सामाजिक समरसता का प्रतीक है लोक अदालत : जिला पदाधिकारी

औरंगाबाद से अम्बुज कुमार का रिपोर्ट



जिला विधिक सेवा प्राधिकार, औरंगाबाद के तत्वावधान में आज राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन व्यवहार न्यायालय, औरंगाबाद में तथा अनुमण्डलीय व्यवहार न्यायालय, दाउदनगर में किया गया। इस राष्ट्रीय लोक का मुख्य उद्घाटन समारोह जिला विधिक सेवा प्राधिकार, औरंगाबाद के सभागार में जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा प्राधिकार के अध्यक्ष सम्पूर्णानन्द तिवारी, जिला

राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्घाटन करते जिला जज

पदाधिकारी सह उपाध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार कान्त शास्त्री, प्रभारी पुलिस अधीक्षक नव वैभव अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीये प्रणव शंकर, जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव, सुकुल राम , जिला विधि संघ के अध्यक्ष रसिक बिहारी सिंह, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष संजय कुमार सिंह के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर विधिवत उद्घाटन किया गया। इस उद्घाटन समारोह में काफी संख्या में न्यायिक पदाधिकारीगण, अधिवक्तागण बैंक, बीमा के पदाधिकारीगण अन्य विभागों के पदाधिकारीगण तथा बहुत संख्या में वादकारीगण उपस्थित रहें। पुरे कार्यक्रम का संचालन श्रीमती निधि जयसवाल न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी द्वारा किया गया। कार्यक्रम में आगंतुको का स्वागत अभिभाषण जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव श्री सुकुल राम द्वारा किया गया तथा राष्ट्रीय लोक अदालत के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा गया कि जितने भी वादकारीगण यहां आये हैं आप सभी के सहयोग से ही राष्ट्रीय लोक अदालत एक मुकम्मल स्थान को पायेगा उन्होंने इस अवसर पर राष्ट्रीय लोक अदालत के हर गतिविधि को जन-जन तक पहुचाने में मीडिया की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि आपके माध्यम से आज भी लोग राष्ट्रीय लोक अदालत में उपस्थित होते हैं तो उन्हें इसका उचित लाभ प्राप्त होगा। राष्ट्रीय लोक अदालत के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा गया कि अगर किसी का वाद राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से निस्तारित होता है तो इसका लाभ सिर्फ वादकारीगण को ही नहीं होता है बल्कि जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन सहित न्यायालय पर भी मुकादमों का बोझ कम होता है| जिला पदाधिकारी सह उपाध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार श्री श्री कान्त शास्त्री द्वारा अपने संबोधन में खा गया की लोक अदालत कई तरह के विधि व्यवस्था को कायम रखने में सहायक होता है, साथ ही जिनका वाद समाप्त होता है दोनों पक्षों के बीच पूर्व से उत्पन्न तनाव खत्म हो जाता है। जिससे समाज में प्रेम सद्भावना और समाजिक समरसता होती है| प्रभारी पुलिस अधीक्षक श्री नव वैभव ने अपने सम्बोधन में कहा कि पुलिस प्रशासन के सहयोग से बहुत सारे नोटिस को ससमय तामिला कराने की कार्रवाई की गयी है। अपने संबोधन में जिला विधि संघ के अध्यक्ष श्री रसिक बिहारी द्वारा इस अवसर पर कहा गया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में मेरा प्रयास रहता है कि जितना ज्यादा हो सके सहयोग करते हुए वादों का निस्तारण कराया जाए। अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री संजय कुमार सिंह द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत के महत्व पर प्रकाष डालते हुए कहा गया कि अगर आज आपको राष्ट्रीय लोक अदालत में बुलाया गया है तो इसका उद्देष्य है कि न्यायालय आपको सजा देना नहीं चाहते और आपका वाद राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से हो जाता है तो यह किसी की हार और किसी की जीत नहीं।
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीये श्री प्रणव शंकर ने अपने संबोधन में राष्ट्रीय लोक अदालत पर चर्चा करते हुए कहा कि असहमति को सहमति में बदलना ही राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्देष्य है और जिला विधिक सेवा प्राधिकार निरंतर यह कार्य कर रहा है। इस अवसर पर कहा गया कि दया करने वालो को हमेशा याद किया जाता है इसलिए करूणा का भाव होना आवष्यक है बीमा कंपनियों से अपील किया कि वे खास कर के इस अवसर पर किसी का सहारा बने क्योंकि आपके द्वारा प्रदत मुआवजा राशी किसी परिवार की रीढ हो सकती हैं। आज राष्ट्रीय लोक अदालत का दिन है और किसी का वाद समझौते के आधार पर होता है तो यह दोनों पक्षों में खुशी का भाव उत्पन्न करता है। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में जिला एवं सत्र न्यायाधीष सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष श्री सम्पूर्णानन्द तिवारी ने सभी विभागों के सहयोग के धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा गया कि राष्ट्रीय लोक अदालत के सभी गतिविधियों का आपके द्वारा प्रतिदिन महत्वपूर्ण स्थान देते हुए विगत दो माह से अधिक समय से राष्ट्रीय लोक अदालत के महत्व के बारे में प्रचारित-प्रसारित किया गया है जिसका व्यापक असर हुआ है। उन्होंने अपने सम्बोधन में यह भी कहा कि पुलिस प्रशासन द्वारा बड़ी संख्या में नोटिस तामिला कराने की कार्रवाई की गयी है जिसका प्रतिफल आज न्यायालय में इतनी भीड़ है। उन्होंने कहा कि संवाद से बढ़कर कुछ नहीं है और ज्यादातर अपने आप में संवाद स्थापित नहीं कर पाते और राष्ट्रीय लोक अदालत संवाद स्थापित करने का एक माध्यम है। न्यायिक प्रक्रिया तो अलग काम करता है परन्तु राष्ट्रीय लोक अदालत में संवाद स्थापित करते हुए वादों का निस्तारण कराया जाता है। उन्होंने भी अपने सम्बोधन में कहा कि कई तरह के छोटे-छोटे झगड़े होते हैं और न्यायालय में कई-कई दिनों तक लोग आते हैं परन्तु राष्ट्रीय लोक अदालत में संवाद स्थापित करते हुए इसका निस्तारण किया जाता है। उनके द्वारा कहा गया कि अगर एक अच्छा इंसान होता है तो उसमें कई तरह के गुण अपने-आप हो जातें है उन्होंने इस अवसर पर राष्ट्रीय लोक अदालत के हर गतिविधि को जन-जन तक पहुचाने में मीडिया की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि आपके माध्यम से आज भी लोग राष्ट्रीय लोक अदालत में उपस्थित होते हैं तो उन्हें इसका उचित लाभ प्राप्त होगा। इस अवसर पर धन्यवाद ज्ञापित अनुमंडलीय न्यायिक दंडाधिकारी श्री योगेष कुमार मिश्र ने किया तथा अपने संबोधन में अतिथियों ने लोगों को लोक अदालत का महत्व एवं फायदे के विषय में लोगों को बताया और लोगों से अधिक से अधिक इस अवसर का लाभ उठाने हेतु अपील किया। अपने संबोधन में कहा कि आज राष्ट्र्ीय लोक अदालत का आयोजन जन कल्याण के लिए किया गया हैं क्योंकि लोक अदालत एक एैसा माघ्यम है जिसमें न तो किसी की हार होती हैं न ही किसी की जीत होती हैं। राष्ट्रीय लोक अदालत में सहयोग करने वाले सभी पदाधिकारियों के प्रति आभार व्यक्त किया गया। राष्ट्रीय लोक अदालत में 1013 वाद का निष्पादन के साथ कुल 2.35 करोड़ का समझौता कराया गया
राष्ट्रीय लोक अदालत में आज मोटर दुर्घटना से सम्बन्धित 04 वादों में कुल 26 लाख 25 हजार रूपये का समझौता कराया गया| पारिवारिक मामलें से सम्बन्धित 04 वाद, आपराधिक सुलहनीय मामलें से सम्बन्धित 235 वाद, एन आई एक्ट के 02, मामलों में 02 लाख 65 हजार का समझौता, टेलीफ़ोन के11 मामलों में 21 हजार, माप तौल 02 इसके साथ साथ अनुमंडल पदाधिकारी के न्यायालय से सबन्धित 300 वाद तथा बैंक ऋण से सम्बन्धित 455 मामलें का निस्तारण करते हुए 02 करोड़ रूपये पक्षकारो को राहत दिया गया इस तरह कुल मामलों का निस्तारण करते हुए कुल 2 करोड़ 35 लाख रूपये का समझौता कराया गया|

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