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जिला पंचायत राज पदाधिकारी का आदेश 15 वार्ड क्रियान्वयन समिति के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश को पलटते हुए मात्र 10 वार्ड क्रियान्वयन समिति के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने हेतु प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी ने दिया संबंधित थानों में आवेदन , थानाध्यक्षों के विरुद्ध डीडीसी को पंचायत राज पदाधिकारी ने लिखा पत्र, मामले का खुलासा उच्च स्तरीय जांच से ही होगा संभव,आखिर 5वार्ड क्रियान्वयन समिति को बचाने का खेल तो नहीं हुआ?

अम्बा (औरंगाबाद) खबर सुप्रभात समाचार सेवा

औरंगाबाद जिले के कुटुम्बा प्रखंड में मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना में करोड़ों रुपए का घपला -घोटाला हुआ है। घपला -घोटाला का उच्चस्तरीय जांच से बड़ा खुलासा होना निश्चित है। मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना के राशि को डकारने में कौन कौन लोग शामिल हैं और जांच के नाम पर लीपापोती के खेल में कौन कौन

शामिल हैं इसका खुलासा साधारण और स्थानीय जांच से नहीं बल्कि उच्च स्तरीय जांच से ही संभव होगा। बताते चलें कि जिला प्रशासन ने भी मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना के राशि में घपला -घोटाला का खेल स्वीकार करते हुए जिला पंचायत राज पदाधिकारी ने दिनांक 28.2.2023 ज्ञापांक 424के तहत कुटुम्बा प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी सह बीपीआरओ सह कार्यपालक पदाधिकारी

को अविलंब स्थानीय थाना में प्राथमिकी दर्ज कराते हुए गमन के राशि का रिकवरी कराने का कारवाई हेतु आदेश दिए थे। लेकिन लगभग 45दिन में भी प्राथमिकी दर्ज नहीं हो सका है। इस संबंध में कुटुम्बा के प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी सह बीपीआरओ सह कार्यपालक पदाधिकारी ने दिनांक 23.5.2023 ज्ञापांक 151 के तहत डीडीसी को पत्र लिखते हुए अंबा एवं कुटुंबा के थानाध्यक्षों द्वारा अभी तक प्राथमिकी दर्ज नहीं करने का आरोप लगाया है। प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी सह बीपीआरओ सह कार्यपालक पदाधिकारी ने डीडीसी को लिखे गए पत्र में मात्र 10 वार्ड क्रियान्वयन समिति के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने के लिए उल्लेख किया गया है जबकि जिला पंचायत राज पदाधिकारी द्वारा 15 वार्ड क्रियान्वयन समिति के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया गया था। अब सवाल यह उठता है कि जिला पंचायत राज पदाधिकारी का आदेश गलत था या प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी सह बीपीआरओ सह कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा मात्र 10 वार्ड क्रियान्वयन समिति के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने हेतु स्थानीय थाना में दिया गया आवेदन गलत है यह एक गंभीर और उच्च स्तरीय जांच का विषय बना हुआ है। चुके जब 15वार्ड क्रियान्वयन समिति के विरुद्ध जिला पंचायत राज पदाधिकारी द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराना था तो आखिर 10 वार्ड क्रियान्वयन समिति के विरुद्ध ही प्राथमिकी क्यों? क्या घपला -घोटाला के खेल में शामिल लोगों को बचाने का कोई खेल तो नहीं हो रहा था? यदि हां तो घपला -घोटाला के खेल में शामिल लोगों को बचाने के षड्यंत्र अथवा खेल में शामिल लोगों पर भी प्राथमिकी दर्ज होना चाहिए अथवा नहीं यह भी एक गंभीर विचार करने का मामला प्रतित हो रहा है।

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