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बिहारियों का अपमान करने वाली डीजी के खिलाफ सरकार करे सख्त कारवाई

अम्बुज कुमार, खबर सुप्रभात

आईपीएस विकास वैभव के समर्थन में लोगों ने किया एक दिवसीय उपवास अग्निशामक विभाग की डीजी द्वारा उसी विभाग के आईजी व बिहार निवासी विकास वैभव को अपमानित करने का मामला मीडिया में आने के बाद

औरंगाबाद के श्रीकृष्ण सिंह स्मृति भवन सह पुस्तकालय में लोगों ने बिहारी अस्मिता को लेकर एक दिवसीय उपवास किया। एक दिवसीय उपवास  में लोगों ने डीजी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की। उपवास पर बैठे सुनील शर्मा,भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष पुरुषोत्तम कुमार सिंह, जिला मंत्री नारायण प्रसाद वैश्य अंजनी शर्मा, श्रीकांत शर्मा ,इंद्रदेव यादव, विनोद शर्मा ,रघुनाथ राम, टून्ना प्रसाद गुप्ता,जयनंदन पांडेय शिक्षाविद प्रेम कुमार,अविनाश कुमार समाजसेवी नीलमणि कुमार, विनोद कुमार सिंह आदि ने एक दिवसीय उपवास रखा। सभी ने कहा कि यह बिहारी अस्मिता का अपमान है कहा कि विकास वैभव बहुत ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी हैं उन्होंने अपने कार्यों की बदौलत बिहार का नाम ऊंचा किया है।उनके मन मे बिहार के लिए कुछ करने की उत्कण्ठा है।जिस जिले में या जिस जगह पर उन्हें जिम्मेवारी मिली उसे उन्होंने पूरी ईमानदारी पूर्वक कर्तव्य निर्वहन किया ।ऐसे कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी को दुर्भावना से ग्रसित होकर अपमानित करना निंदनीय है। सरकार को इस मामले में तत्काल संज्ञान में लेकर डीजी के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ।उपवास पर बैठे लोगों ने कहा कि अग्निशामक विभाग के डीजे शोभा अहोतकर  महाराष्ट्र की रहने वाली है और उन्हें बिहार के लोग गाली लगते हैं। कई कर्तव्यनिष्ठ पदाधिकारियों को लगातार अपमानित करती हैं। राज्य के सीनियर पदाधिकारी के खिलाफ उनका इस तरह का व्यवहार है तो उनके कार्यों से समझा जा सकता है कि आम आदमी के प्रति उनका कैसा व्यवहार होगा सरकार सख्त से सख्त कार्रवाई करें नहीं तो आने वाले समय में यह एक दिवसीय अनशन अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर जाएगा। लोग सड़क पर उतरने को बाध्य हो जाएंगे। उपवास में अजित शर्मा, सुशील कुमार, नवीन कुमार पांडे, प्रियांशु सिंह, सलीम अहमद, इरफान अंसारी,नीरज कुमार,सत्यम कुमार ,चंदन पांडे, ऋतुराज तिवारी, रितिक पांडे,सत्यम कुमार, प्रेम कुमार तिवारी,रघुनाथ राम, मनोज राम,हरिओम पासवान, सुनील पासवान,नीरज कुमार सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहें।तत्पश्चात जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया।

2 thoughts on “बिहारियों का अपमान करने वाली डीजी के खिलाफ सरकार करे सख्त कारवाई”

  1. O e – Mail não é seguro e pode haver links fracos no processo de envio, transmissão e recebimento de e – Mails.Se as brechas forem exploradas, a conta pode ser facilmente quebrada.

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