औरंगाबाद , खबर सुप्रभात
आज जिस प्रकार से जिले में सामंती प्रवृत्ति के लोगों द्वारा आकाश सिंह जैसे कुख्यात आतंकवादी और सुजित मेहता के मुख्य हत्यारा को बचाव हेतु सांसद व प्रशासन के मिलिभगत के आदेशनूसार रैली निकाली गई, जिसमे आकाश भईया मत घबराना तेरे पीछे सारा जमाना, सुशील सिंह जिंदाबाद, राजपूत एकता जिंदाबाद, जय जय श्री राम और जय भवानी का नाम लेकर माननीय कुशवाहा शिवपूजन मेहता जी के मां बहन को गाली, स्वर्ण एकता जिंदाबाद जैसे नारा दिया गया इससे साफ जाहिर होता है की ये आगामी चुनाव को लेकर राजनैतिक रैली था,औरंगाबाद संसदीय क्षेत्र से गरीबों के आन बान शान व युवा दिलों की धड़कन पलामू लेनीन माननीय कुशवाहा शिवपूजन मेहता जी को सांसद पद का उम्मीद्वारी मिलनी चाहिए,जिसके लिए औरंगाबाद के तमाम एससी,एसटी और ओबीसी वर्ग को एकजुटता दिखानी पड़ेगी,अगले बार औरंगाबाद जिले का बैकवर्ड और फारवर्ड क्लास को लेकर चलने वाली राजनैतिक दलों की राजनैतिक विचारधारा की लड़ाई में फारवर्ड क्लास के संसदीय गढ़ टुटनी चाहिए,जिस प्रकार से इस बार के विधानसभा के विधायकी चुनाव में औरंगाबाद जिला के तमाम विधानसभा क्षेत्रों में विधायक उम्मीदवारों में बदलाव देखने को मिला उसी प्रकार अगले बार औरंगाबाद जिले में सांसद उम्मीदवारों में भी बदलाव देखने को मिलना चाहिए,जिसके लिए औरंगाबाद जिला के सभी कुशवाहा समाज के तमाम राजनैतिक दल को और विभिन्न विचारधारा वाले परिवारों को एक मंच पर आना होगा और औरंगाबाद संसदीय क्षेत्र में फॉरवर्ड वर्ग के राजनैतिक दलों वाले लोगों द्वारा अंग्रेजो की नीति,फूट डालो शासन करो’नीति से बैकवर्ड वर्गों पर धमनकारी नीति व प्रभावशाली शोषणों के विरूद्ध अपनी आवाज़ मजबूत करना होगा,अतः औरंगाबाद जिला के तमाम एसी,एसटी और ओबीसी वर्ग से तालुक रखने वाले परिवारों से विनम्र निवेदन है कि बैकवर्ड वर्ग वाले राजनैतिक पार्टी को वोट दीजिए और अपनी मान सम्मान,मर्यादा, प्रतिष्ठा व औरंगाबाद जिला में अपनी अस्तित्व को कायम रखें,इस राजनैतिक विचारधारा से आप प्रभावित हैं तो आप अपनी सहमती अवश्य प्रकट कर सकते हैं,जिसके लिए आपको औरंगाबाद जिला के राजनैतिक विचारधारा में बहुत बहुत स्वागत और अभिनंदन है,क्योंकि शहीद सुजीत मेहता हत्या काण्ड एक राजनैतिक मंथन है जो की जनप्रतिनिथि और प्रशासन के मिलीभगत का परिणाम है,जिसके लिए आप सभी को राजनैतिक रूप से एक मंच आना होगा,और चितौड़गढ़ को ध्वस्त करना होगा, यहां पर एक ही बात की लडाई है केवल औरंगाबाद में राजनैतिक वर्चस्व का,ईमान धर्म और सामाजिक प्रतिष्ठा की है..!