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राज्य के मुख्य सचिव के निर्देश पर जांच का खानापूर्ति ,अम्बा पंचायत में घोटाला के जिम्मेवार कौन? क्या दर्ज होगा प्राथमिकी या फिर होगा लिपापोती का खेल? चर्चा का बाजार गर्म।

औरंगाबाद (बिहार) आलोक कुमार , खबर सुप्रभात , केन्द्रीय न्यूज डेस्क।

राज्य के मुख्य सचिव के आदेशानुसार औरंगाबाद में जिला एवं प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों ने न बुधवार को जिले के विभिन्न 40 पंचायतों में चलने वाले विकास एवं कल्याणकारी योजनाओं की जांच की गई। जांच के क्रम में कुटुम्बा प्रखंड के अम्बा पंचायत में वार्ड संख्या 07 में भयंकर घपला – घोटाला का मामला प्रकाश में आया है जानकारी के अनुसार अम्बा पंचायत के वार्ड संख्या07 में योजना के आठ लाख रुपया का निकासी की गई और काम मात्र तीन लाख रुपये का हुआ पीडीएस दुकानदार बिजय कुमार के दुकान का भी जांच की गई लेकिन जांच रिपोर्ट अभी तक मिडिया के सामने नहीं है। इसी तरह जिले में चलाये गये जांच अभियान के क्रम में धान खरीद केन्द्र , मनरेगा योजनाएं , आंगनबाड़ी केंद्र , बृद्धा पेंशन योजना सहित लगभग सभी योजनाओं का जांच किया गया।

जांच का चर्चा पुरे जिला के शहर, हाटबाजार से लेकर चौक चौराहों पर सुनने को मिल रहा है। अधिकांश लोगों को मानना है कि मुख्य सचिव का आदेश पर जांच के नामों पर खानापूर्ति के अलावे और कुछ नहीं है। जांच सिर्फ लिपापोती और कमाई का जरिया है बनकर रह गया है। यदि सचमुच में जिला प्रशासन को जांच कर असलियत को उजागर करना है तो जिलाधिकारी कुटुम्बा प्रखंड के किसी भी पंचायत में जनता दरबार लगाकर योजनाओं का जांच करायें तथा जनता के आवाज को सुनें सब असलियत सामने आयेगा तथा मुख्य सचिव और सरकार को भी समझ आ जायेगा कि विकास और कल्याणकारी योजनाओं का वास्तविक जमिनीत हक्किकत क्या है ? इस संबंध में जदयू नेता लालमोहन राम तथा समाजसेवी जनेश्वर सिंह को मानना है कि जांच के नाम पर खानापूर्ति और कमाई का जरिया और तौर तरीका बन कर रह गया है। इन्होंने कहा कि जब अम्बा पंचायत का वार्ड नम्बर 07में घपला घोटाला या फिर अनियमितता जांच में सामने आया है इस स्थिति में दोषियों को तत्काल गिरफ्तार होना चाहिए था। लेकिन अभी तक गिरफ्तारी न होना भी सक और संदेह तथा भ्रम उत्पन्न कर रह है ।

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