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उमंगेश्वरी धाम, सीताथापा व देव सूर्य मंदिर का पर्यटन के दृष्टिकोण से होगा विकास, उमगा में बनेगा बायोलॉजिकल पार्क : पर्यटन मंत्री

औरंगाबाद से अम्बुज कुमार का रिपोर्ट

औरंगाबाद के मदनपुर के उमंगेश्वरी धाम, सीताथापा और देव के सूर्य मंदिर का पर्यटन के दृष्टिकोण से विकास किया जाएगा। साथ ही उमगा में बायोलॉजिकल पार्क का निर्माण कराया जाएगा। यह घोषणा बिहार सरकार के
पर्यटन मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने शुक्रवार को मदनपुर में आयोजित दो दिवसीय उमंगेश्वरी महोत्सव का वर्चुअल उद्घाटन करते हुए कही। उन्होंने कहा कि मदनपुर के उमंगेश्वरी पर्वत श्रृंखला पर 52 मंदिरों का संगम, त्रेता युग से है। राजा जरासंध ने उमगा में दुर्ग बनवाया था। राजा भैरवेन्द्र

द्वारा 1896 में उमगा के सूर्य मंदिर की मरम्मत कराया गया था। लाखों वर्षों से यह ऐतिहासिक, धार्मिक और आध्यात्मिक धरोहर है, जहां माघ बसंत पंचमी मेला का आयोजन होता है।यहां राज्य और देश के अनेक भागों से लोग यहां आते हैं। उमगा, उमंगेश्वरी मंदिर, देव सूर्य मंदिर और सीताथापा मंदिर के सर्वांगीण विकास के लिए पर्यटन विभाग की ओर से वें एक एक अनुसंधान टीम भेजेंगे। टीम जिले के डीएम और जनप्रतिनिधियों से परामर्श कर विकास की रुपरेखा तय कर रिपोर्ट सौंपेगी। रिपोर्ट के बाद डीपीआर तैयार कर विकास किया जाएगा। कार्यक्रम में मंच का संचालन आकाशवाणी पटना की संवाददाता रुपम त्रिविक्रम ने किया। इस मौके पर डीएम श्रीकांत शास्त्री ने कहा कि मां उमंगेश्वरी मंदिर, सूर्य मंदिर सहित अन्य मंदिरों का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। मंदिरों में लक्खा मार्वल लगाया जा रहा है ताकि मंदिर की भव्यता और दिव्यता बनी रहे। पर्यटन स्थल के रूप में विकास के लिए योजनाएं बनाई गई हैं। सीताथापा मंदिर के विकास के लिए भी योजना बन रही है। जिला पार्षद शंकर यादवेन्दु ने कहा कि मगध की धरती सूर्य की धरती है। भगवान सूर्य की उर्जा यहां है। छठ पूजा में लाखों लोग छठव्रत करने आते हैं। यहां प्रकृति की गोद में मनोरम परिदृश्य है। प्रकृति की अनुपम छटा है। उमंगेश्वरी से रोपवे का निर्माण कराया जाए ताकि यहां आने वाले पर्यटकों के लिए यह आकर्षण का केंद्र बने।उमंगेश्वरी पहाड़ से होकर स्टेट हाइवे एनएच-19 गुजरता है। ऐसा पर्यटन स्थल शायद बिहार में नहीं है। एनएच-19 पर एक डिजिटल बोर्ड लगना चाहिए ताकि बाहर से आने वाले पर्यटकों को जानकारी मिल सके। यहां एक टूरिज्म सूचना केंद्र स्थापित हो ताकि यहां की ऐतिहासिक, धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व की जानकारी मिल सके। जिस तरह डोभी में बायोलॉजिकल पार्क का निर्माण हुआ है, उसी तरह यहां भी पार्क का निर्माण कराया जाए। वही उमंगेश्वरी मंदिर के प्रधान पुजारी बालमुकुंद पाठक ने कहा कि उमंगेश्वरी पर्वत अति प्राचीन है। लाखों वर्षों से कुमुद पर्वत गिरि है, जिसका उल्लेख श्रीमद्भागवत में है। 2012 में उमंगेश्वरी महोत्सव की शुरुआत हुई थी। इस अवसर पर डीडीसी अभ्येन्द्र मोहन सिंह, एसडीओ संतन कुमार सिंह, अपर समाहर्ता ललित भूषण रंजन, डीपीओ, सिविल सर्जन, डीएसपी, सीओ मो. अकबर, बीडीओ कुमुद रंजन, थानाध्यक्ष राजेश कुमार, एसआई कन्हैया सिंह, प्रखंड प्रमुख सोनी देवी, उप प्रमुख अस्मिता कुमारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी पीएम पोषण योजना सह प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी मदनपुर रवि कुमार रौशन, जिला पार्षद कंचन देवी, मुखिया विवेक कुमार गुप्ता, समाजसेवी सत्येन्द्र सिंह, मुखिया प्रतिनिधि प्रफुल्ल कुमार सिंह, भाजपा नेता सुधीर कुमार सिंह, रवीन्द्र कुमार सिन्हा, रवीन्द्र कुमार यादव, मुखिया शिवपूजन राम, सरपंच परमानन्द सिंह, राकेश सिंह, डॉ. संजय कुमार, प्रमोद कुमार सिंह, भाजपा वार मंडल अध्यक्ष अरुण कुमार सिंह, शिक्षक राजकुमार प्रसाद सहित अन्य लोग एवं सैकड़ों की संख्या में श्रोतागण उपस्थित थे। इस दौरान मुम्बई से आए मोहन राठौर ने भोले बाबा के लहर लहराए, झंड़ा बम बम, डमरु बजावत बम बम भोले, मिश्री भांग धतुरा बम बम भोले आदि गीत गाए। अन्य कलाकारों ने भी गीत-संगीत की प्रस्तुति दी।