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नवादा मंडलकारा में छापेमारी से मचा हड़कंप, प्रत्येक वार्ड में बंदियों का ली गई तलाशी , प्रतिबंधित व आपत्ति जनक समान नहीं मिलने पर जिला प्रशासन ने ली राहत की सांस

गौरी विश्वकर्मा खबर सुप्रभात समाचार सेवा



आगामी लोकसभा चुनाव के मध्येनजर जिला प्रशासन ने नवादा मंडल कारा में बुधवार को छापेमारी अभियान चलाया गया। छापेमारी अभियान का नेतृत्व जिलाधीश आशुतोष कुमार वर्मा व एससी अंबरीश राहुल खुद कर रहे थे।हलांकि, सघन तलाशी में जेल के अंदर किसी तरह की आपत्तिजनक सामग्री नहीं मिली। आपत्ति जनक व प्रतिबंधित समान नहीं मिलने से फिलहाल जिला प्रशासन ने राहत की सांस ली।
जानकारी के अनुसार जेल के कुल 21वार्डो व जेल अस्पताल की भी तलाशी ली गई। यहां तक कि बाहर पङे झाङी को भी पुलिस ने सर्च किया। लेकिन न तो किसी तरह की सामग्री मिली न मोबाइल और न चार्जर मिला।

छापेमारी में 260 धावा दल लगे थे।

छापेमारी अभियान में डीएम एसपी के अलावे डीडीसी दीपक मिश्रा ,एडीएम चंद्रशेखर सिंह आजाद, एसडीओ सदर अखिलेश कुमार समेत 5 दर्जन पदाधिकारी दल में शामिल थे। इसके साथ पुलिस लाइन से 202 पुलिसकर्मी भी शामिल थे।अच्छी बात रही कि इतने बङे पैमाने अधिकारियों की टीम व पुलिसकर्मी सहित 260 धावा दल के बावजूद किसी प्रकार की आपत्तिजनक समान नहीं मिला।यह जेल कर्मी की अच्छी पहल मानी जा रही है।
नवादा जिलाधिकारी आशुतोष कुमार वर्मा जेल के अंदर साफ-सफाई व बंदियों की रखरखाव से काफी संतुष्ट दिखे।जेल में इतने बंदियों के बावजूद किसी तरह की आपत्तिजनक समान नहीं मिलना आश्चर्य की बात बताया। जेल अधीक्षक अजीत कुमार ने बताए हैं कि डीएम, एसपी के नेतृत्व में करीब 2 घन्टे तलाशी अभियान चलाया गया था। लगभग बुधवार की अहले सुबह करीब 4 बजकर 20 मिनट में तलाशी शुरू हुई ,जो 6 बजकर 20 मिनट तक चलाया गया।
अधिकारियों ने बंदियों से की पूछताछ

नगर सर्किल पुलिस निरीक्षक सुजीत कुमार व थानाध्यक्ष अविनाश कुमार, यातायात थानाध्यक्ष मृत्युंजय कुमार के समेत आधा दर्जन थाने की पुलिस को लगाया गया था।इस सघन तलाशी के दौरान कई बंदियों से छापेमारी के नेतृत्व कर रहे पदाधिकारियों ने बातचीत भी की।लेकिन किसी तरह की निगेटिव बात छनकर नहीं आई है।
गौरतलब है कि पिछले दो माह में दूसरी बार इस तरह की छापेमारी की गई है।मगर दोनों बार छापेमारी दल को खाली हाथ ही लौटना पङा है।ऐसे यह जेल की तलाशी आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर ली गई है।जेल में छापेमारी पुलिस प्रशासन की रूटीन वर्क माना जाता है।वर्षों पहले छापेमारी में मोबाइल चार्जर, खैनी,चिलम मिलना आम माना जाता था।लेकिन पिछले एक वर्षों से जेल के अंदर किसी प्रकार की समान छापेमारी में बरामद नहीं हो रही है।