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राष्ट्रीय लोक अदालत की तैयारियों हेतु बैंक पदाधिकारियों के साथ बैठक का आयोजन किया गया

औरंगाबाद से अधिवक्ता शतीश स्नेही का रिपोर्ट

जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव, प्रणव शंकर द्वारा आज जिला विधिक सेवा प्राधिकार के प्रकोष्ठ में अग्रणी बैंक प्रबन्धक, क्षेत्रीय प्रबन्धक, शाखा प्रबन्धक, के साथ बैठक किया गया है तथा आगामी 13 मई को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत की तैयारियों के सिलसिले में उनके द्वारा बैंक ऋण से सम्बन्धित मामले को राष्ट्रीय लोक अदालत

में निपटाने हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया। साथ ही विगत राष्ट्रीय लोक अदालत में बैंक ऋण से संबंधित सर्वाधिक वादों का निस्तारण हेतु सभी बैंक पदाधिकारियों को बधाई सचिव प्रणव शंकर ने दिया। बैंक से सम्बन्धित पदाधिकारियों को निदेशित किया गया कि बैंक को लचिला रूप रखकर समझौता करने के लिए आगे आना होगा। ताकि वे हम सभी पिछले रिकॉर्ड को पुनः तोड़ने में सक्षम हो सकें और जिले के अधिक से अधिक लोगों का राष्ट्रीय लोक अदालत में विश्वास बड़े और वे अपने ऋण वाद  से मुक्ति पा सकें। सचिव द्वारा बताया गया कि बैंक के पदाधिकारियों द्वारा आश्वासन दिया गया कि वैसे मामलें जो पुरानें हैं और सम्बन्धित पक्षकार राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से अपने बकाया ऋण को निपटाना चाहते हैं उन्हें अधिक से अधिक लाभ दिया जायेगा। सचिव द्वारा अधिक से अधिक लोगो को इसका लाभ देने हेतु बैक के पदाधिकारियों को निदेशित किया गया साथ ही सचिव के द्वारा पदाधिकारियों को निदेशित किया गया कि 13 मई को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में 2000 वादों का निष्पादन का लक्ष्य हैै, यह तभी प्राप्त होगा जब बैंक पदाधिकारी लचिला एवं मानवीय पहलु को ध्यान में रखेंगें। उनके द्वारा बैंक से संबंधित पदाधिकारियों को कहा गया की बैंक के स्तर से ऋण वाद में जो भी लाभ लोगों को दिया जा रहा है, इससे संबंधित प्रचार प्रसार करें ताकि लोगों को उक्त लाभ का अधिक से अधिक लोगों को फायदा मिल सके। पदाधिकारियों ने इस बात का आष्वासन सचिव को दिया कि उनके द्वारा पुरी कोशीश की जायेगी कि राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए निर्धारित किया गया लक्ष्य प्राप्त हो। बैठक में अग्रणी बैंक प्रबन्धक, उपेन्द्र चतुर्वेदी, भारतीय स्टेट बैंक के राजेश कुमार, डीसीओ राजेश धवल, बैंक ऑफ बरोदा के सुनील कुमार तथा अन्य बैंक के पदाधिकारी उपस्थित रहें। सचिव द्वारा बैंक से सम्बन्धित पदाधिकारियों को यह भी निर्देश दिया गया कि विशेष बैठक (Pre-sitting) कर आने वाले ऋणियों के साथ मामलें का अधिक से अधिक निपटारा करें।

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