वृद्धाश्रम की जरूरत क्यों होती है ?
गाजियाबाद से निर्मल शर्मा का आलेख भारतीय समाज में एक लोकोक्ति बहुत ज्यादा प्रचलित है कि ‘पूत सपूत तो का धन संचै ? और पूत कपूत तो का धन संचै ? ‘ हालांकि यह लोकोक्ति धन संचय की बेहिसाब लालच को रोकने के लिए बहुत सटीक है,लेकिन वर्तमान परिप्रेक्ष्य में कथित उदार माने जाने वाले […]
वृद्धाश्रम की जरूरत क्यों होती है ? Read More »