वर्ण और जाति मुक्त भारत का संघी अभियान : सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली ! का ऐलान
गाजियाबाद से निर्मल शर्मा का आलेख ज्ञयह समय जोरदार समय है। यह समय आजमाई और मुफीद समझी जाने वाली लोकोक्तियों, कहावतों और मुहावरों के पुराने पड़ जाने का समय है। वैसे विसंगतियों और एकदम उलट बर्ताब के लिए सामान्य रूप से प्रचलित कहावतों, मुहावरों में “शैतान के मुंह से कुरआन की आयतें ” या […]
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