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अहियापुर बम ब्लास्ट मामले में 48 घंटे में भी पुलिस को नहीं मिला सुराग, अपराधियों का सरणस्थली बनते जा रहा औरंगाबाद जिला

औरंगाबाद खबर सुप्रभात समाचार सेवा
औरंगाबाद जिले के हसपुरा थाना क्षेत्र अंतर्गत अहियापुर गांव के बधार में शुक्रवार को सुबह ट्रैक्टर से खेत की जुताई करने के दौरान ट्रैक्टर के चक्का से दब कर बम ब्लास्ट मामले में अभी तक पुलिस को कोई सुराग नहीं मिल सका है। हला की हसपुरा थाना अध्यक्ष ने बताया कि मामले की जांच चल हो रही है। बताते चलें कि अहले सुबह ट्रैक्टर से खेत जुताई करने के क्रम में बम ब्लास्ट होते ही पुरे इलाका दहल उठा और गलिमत रहा की किसी प्रकार का कोई अप्रिय घटना नहीं घटी। लेकिन उक्त घटना से यह साफ जाहिर होता है कि इन दिनों औरंगाबाद जिले के मैदानी इलाका हो या फिर जंगल व पहाड़ी इलाका हो अपराधियों का शरण स्थली बन चुका है। अपराधी जब चाहें तब अपने मर्जी से आपराधिक घटनाओं को अंजाम सफलता पूर्वक दे सकते हैं और पुलिस घटना के बाद जांच में जुटी रहती है। अहियापुर बाधार में बम प्लांट कब और किसके द्वारा किया गया था यह अभी तक अबुझ पहेली आम लोगों के लिए बना हुआ है। बताते चलें कि नबीनगर में श्रेया हत्याकांड, कासमा थाना में एक मजदूर महिला के साथ गैंगरेप और फिर हसपुरा थाना क्षेत्र अंतर्गत अहियापुर बाधार में खेतों की जुताई के क्रम में बम ब्लास्ट निश्चित रूप से यह साबीत करता है कि औरंगाबाद जिला इन दिनों अपराधियों का शरण स्थली बना हुआ है और स्थानीय शासन – प्रशासन घटना के बाद जांच का खाना पुर्ती में जुटी रहती है। कासमा थाना क्षेत्र में मजदूर महिला के साथ हुए गैंगरेप का उद्भभेदन अभी तक पुलिस नहीं कर सकी है सप्ताह बीत जाने के बावजूद अभी तक पुलिस को हाथ खाली है। नबीनगर में श्रेया हत्याकांड का सफल उद्भभेदन के लिए ग्रामीणों को आंदोलन का रुख अख्तियार करना पड़ा नहीं तो जिस तरह पोस्टमार्टम रिपोर्ट को आधार बनाया गया था उसके अनुसार पुलिस द्वारा सफल उद्भभेदन होना असम्भव प्रतित हो रहा था।


औरंगाबाद जिले के हसपुरा थाना क्षेत्र अंतर्गत अहियापुर गांव के बधार में शुक्रवार को सुबह ट्रैक्टर से खेत की जुताई करने के दौरान ट्रैक्टर के चक्का से दब कर बम ब्लास्ट मामले में अभी तक पुलिस को कोई सुराग नहीं मिल सका है। हला की हसपुरा थाना अध्यक्ष ने बताया कि मामले की जांच चल हो रही है। बताते चलें कि अहले सुबह ट्रैक्टर से खेत जुताई करने के क्रम में बम ब्लास्ट होते ही पुरे इलाका दहल उठा और गलिमत रहा की किसी प्रकार का कोई अप्रिय घटना नहीं घटी। लेकिन उक्त घटना से यह साफ जाहिर होता है कि इन दिनों औरंगाबाद जिले के मैदानी इलाका हो या फिर जंगल व पहाड़ी इलाका हो अपराधियों का शरण स्थली बन चुका है। अपराधी जब चाहें तब अपने मर्जी से आपराधिक घटनाओं को अंजाम सफलता पूर्वक दे सकते हैं और पुलिस घटना के बाद जांच में जुटी रहती है। अहियापुर बाधार में बम प्लांट कब और किसके द्वारा किया गया था यह अभी तक अबुझ पहेली आम लोगों के लिए बना हुआ है। बताते चलें कि नबीनगर में श्रेया हत्याकांड, कासमा थाना में एक मजदूर महिला के साथ गैंगरेप और फिर हसपुरा थाना क्षेत्र अंतर्गत अहियापुर बाधार में खेतों की जुताई के क्रम में बम ब्लास्ट निश्चित रूप से यह साबीत करता है कि औरंगाबाद जिला इन दिनों अपराधियों का शरण स्थली बना हुआ है और स्थानीय शासन – प्रशासन घटना के बाद जांच का खाना पुर्ती में जुटी रहती है। कासमा थाना क्षेत्र में मजदूर महिला के साथ हुए गैंगरेप का उद्भभेदन अभी तक पुलिस नहीं कर सकी है सप्ताह बीत जाने के बावजूद अभी तक पुलिस को हाथ खाली है। नबीनगर में श्रेया हत्याकांड का सफल उद्भभेदन के लिए ग्रामीणों को आंदोलन का रुख अख्तियार करना पड़ा नहीं तो जिस तरह पोस्टमार्टम रिपोर्ट को आधार बनाया गया था उसके अनुसार पुलिस द्वारा सफल उद्भभेदन होना असम्भव प्रतित हो रहा था।