सुनील सिंह, वरिष्ठ पत्रकार खर सुप्रभात समाचार सेवा
अमेरिका में राष्ट्रपति के पद के लिए हुए चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत की खबर जैसे ही टीवी के माध्यम से औरंगाबाद बासी भारतीयों को मिली लोगों में एक खुशी एवं उम्मीदों की लहर देखने को मिली । लोगों की यह घारणा है कि ट्रंप का अमरीकी राष्ट्रपति पद पर दुवारा चुनें जानें से भारत आर्थिक
एवं सामरिक दृष्टि से काफी सबल राष्ट्र बनेगा। ट्रंप एवं मोदी के रिस्ते काफी मधुर एवं सहयोगात्मक है इससे भारत एक नई ऊंचाई यों को छुयेगा। आतंक बाद पर काफी हद तक अंकुश लगेगा। साथ ही यह भी उम्मीद जगी है कि इसबार भारत को संयुक्त राष्ट्रसंघ में वीटो का भी पावर जरूर मिलेगा । अमेरिका के इतिहास में 132 साल के रिकार्ड को तोड़ते हुए ट्रंप नें ३तिहास रचते हुए 4 7 बें राष्ट्रपति की शपथ लेने वाले है । भारत के कुछ पड़ोसी देशों में चिंतायें की लकीरें भले ही गहरी हो गयी है । लेकिन एक बात तो सत्य है कि ” मोदी का दोस्त, अमेरिका का बोश ” । खुद मोदी जी नें भी कहा था – ” एक बार फिर, ट्रंप सरकार ” । ट्रंप एवं मोदी शुरू से ही इस्लामिक कट्टरता एवं विस्तारबाद की नीति का साझा रूप से विरोध करते रहे हैं। बंगला देश में भी हिन्दूओं पर इस्लामिक आक्रमण का ट्रंप ने विरोध किया था। ईश्वर नें ट्रंप पर हुए कातिलाना हमला से भारत को विकास की चरम पर ले जानें के लिए ही बचाया है ऐसा भारतीयों का मानना है। साथ ही दुनिया में चल रहे युद्ध पर विराम लगनें की भी उम्मीद जगी है।