अम्बा (औरंगाबाद) खबर सुप्रभात
औरंगाबाद जिले में मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत हुए नल जल योजना के मद्य में अभी तक सरकार करोड़ों रुपये औरंगाबाद जिले में खर्च कर चुकी है लेकिन अभी तक वर्ष 2019-20एवं 2020-21 वित्तिय वर्ष का आडिट लगभग 50 प्रतिशत वार्डों का नहीं कराया गया है। इस संबंध में भ्रष्टाचार उन्मूलन समिति के उपाध्यक्ष सह वरीय समाजिक कार्यकर्ता महेन्द्र सिंह ने कहा कि इसके लिए स्थानीय प्रशासन और वार्ड क्रियान्वयन सह प्रबंधकारिणी समिति पुरी तरह से जिम्मेवार है और अभी तक आडिट नहीं कराने के लिए जिम्मेवार लोगों पर अविलंब प्राथमिक दर्ज होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आडिट बंद कमरे में नहीं बल्की पंचायत मुख्यालय में जनमानस के बीच होना चाहिए। इधर जदयू के वरीय नेता वीपीपी बिहारी पाण्डेय ने आरोप लगाया है कि सरकार को बदनाम किया जा रहा है और अभी तक दो वित्त बर्ष खत्म होने के बावजूद भी आडिट नहीं कराना संकेत है कि निश्चित रूप से नल जल योजना में मनमानी तथा घपला घोटाला का खेल हुआ है। श्री पाण्डेय ने कहा कि बिहार सरकार के पूर्व मंत्री एवं राजद के प्रदेश
अध्यक्ष का टास्क फोर्स गठित कर आपदा राहत के राशि में हुए लूट तथा नल जल योजना सहित जिला मुख्यालय औरंगाबाद में 50रुपये बालू का बिक्री और पुरे जिला में बालू का अवैध उत्खनन का जांच का मांग जायज है और जिलाधिकारी को टास्क फोर्स का गठन कर अविलंब जांच करवाना चाहिए। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहे कि पूर्व मंत्री और राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष के मांगों का अभी तक जिलाधिकारी को नजर अंदाज करने का मतलब जिला में अवैध उत्खनन एवं सरकारी लूट मामले में एक बड़ा स्कैंडल काम कर रहा है और नहीं तो टास्क फोर्स गठित करने में जिला अधिकारी परहेज क्यों कर रहे हैं।