आलोक कुमार, केन्द्रीय न्यूज डेस्क खबर सुप्रभात
औरंगाबाद जिले में पेयजल संकट उत्पन्न नहीं हो इसके लिए जिला प्रशासन फरवरी माह से युद्ध स्तर पर तैयारी करने का दावा किया था। इसके लिए चलंत मोबाइल रथ को हरी झंडी दिखाकर समाहरणालय से रवाना भी किया था। लेकिन जुलाई माह समाप्त हो रहा है अभी तक जिला प्रशासन का सभी तैयारियां मुंगेरी लाल के हसीन सपने साबित हो रहा है और जिला के सभी क्षेत्रों में कमोवेश पेयजल संकट उत्पन्न हो गया है। जिला के दक्षिणी क्षेत्रों में तो पेयजल संकट गंभीर रूप ले चुका है। सरकारी चपा कल से लेकर नलजल योजना मामूली यांत्रिक गड़बड़ी के कारण फेल हो रहा है। जबकि सरकार और जिला प्रशासन द्वारा सभी पंचायतों में अनुरक्षी एजेंसी बहाल किया गया था तथा समाहरणालय से हरी झंडी दिखाकर चलंत मोबाइल रथ भेजा गया था जिसका कार्य था कि सभी मामूली यांत्रिक गड़बड़ी के कारण फेल हो चुके चपा कलो का मरम्मत कर पेयजलापूर्ति बहाल करना। लेकिन देहाती क्षेत्रों में पेयजलापूर्ति तो दुर अब जिला मुख्यालय में भी पेयजल संकट गहरा गया है और शहरवासियों को पेयजल के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार शहर में चपा कल तो फेल हो ही गया है बोरींग भी जबाब देने लगा है।

लोगों का मानें तो औरंगाबाद जिला मुख्यालय में जल श्रोत काफी नीचे चले जाने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हो गया है और इसके लिए शहर के जसोईया मोड़ स्थित श्री सीमेंट फैक्ट्री में अंधाधुंध बोरींग और समरसेबल है।

महिनों से खराब पड़े चपा कल और शहर में उत्पन्न पेयजल संकट पर अधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधि और राजनैतिक तथा समाजसेवी संगठनों का चुप्पी आम लोगों को चिंता और जनाक्रोश बढ़ा रहा है लेकिन न अधिकारी और नहीं जनप्रतिनिधियों द्वारा पेयजल संकट से नीपटने हेतू कोई ठोस और कारगर कदम उठाया जा रहा है। जानकारी के अनुसार पेयजल संकट के वजह से बहुतेरे लोग शहर छोड़कर गांव केओर रुख कर चुके हैं।