अम्बुज कुमार खबर सुप्रभात समाचार सेवा
भारतमाला परियोजना के अंतर्गत वाराणसी-कोलकाता ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के लिए उचित मुआवजा की मांग कर रहे भारतीय किसान यूनियन औरंगाबाद के शीर्ष नेताओं को आज CRPC की धारा 151 के तहत प्रिवेंटिव डिटेन्शन में लिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 30 मई 2025 को प्रस्तावित विक्रमगंज, बिहार में होने वाली जनसभा के

मद्देनज़र, उपमहानिरीक्षक के पत्र के आलोक में कुटुंबा थाना द्वारा यह कार्रवाई की गई है। सरकार को आशंका है कि सभा के दौरान किसानों की मुआवजा संबंधी मांगें बुलंद की जा सकती हैं, जिससे कार्यक्रम की छवि प्रभावित हो सकती है।
गिरफ्तार किए गए प्रमुख किसान नेता निम्नलिखित हैं:
🔹 वशिष्ठ प्रसाद सिंह – जिला संयोजक, भा.कि.यू. औरंगाबाद
🔹 विकास कुमार सिंह – जिला प्रभारी, भा.कि.यू. औरंगाबाद
🔹 राजकुमार सिंह – कोषाध्यक्ष, भा.कि.यू. औरंगाबाद
🔹 धर्मेन्द्र सिंह बलिया – ट्रांसपोर्टर
इन सभी नेताओं को बिना किसी वारंट या पूर्व सूचना के केवल सरकार की आलोचना से बचने की मंशा से नजरबंद किया गया है।
भारतीय किसान यूनियन औरंगाबाद इसे लोकतंत्र की हत्या और अभिव्यक्ति की आज़ादी पर हमला मानती है। यह घटना न केवल किसानों के संवैधानिक अधिकारों का हनन है, बल्कि यह दर्शाता है कि सरकार किसानों की जायज मांगों को सुनने की बजाय उन्हें दबाने का कार्य कर रही है।
हम स्पष्ट करते हैं कि किसानों की यह लड़ाई पूरी तरह शांतिपूर्ण और संवैधानिक है, और हम हर मंच पर अपनी आवाज़ बुलंद करते रहेंगे। अगर हमारे नेताओं को तुरंत रिहा नहीं किया गया, तो ज़िला स्तर से लेकर राजधानी तक चरणबद्ध आंदोलन की शुरुआत की जाएगी।
हमारा नारा है –
“भूमि हमारी, हक हमारा – नहीं चलेगा अन्याय दोबारा!”