छोटे किसान बनेगा देश का सान का नीकल रहा हवा, आजादी के 75 वीं वर्षगांठ पर लाल किला के प्राचीर से पीएम किये थे एलान

सम्पादक के कलम से

आजादी के 75 वीं वर्षगांठ के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी ने दिल्ली के लाल किले से संबोधित करते हुए एलान किये थे कि देश के छोटे किसान बनेंगे देश का शान, लेकिन जब आज हम लगभग एक वर्ष पुरा होने जा रहा है तब समीक्षा कर रहे हैं कि पीएम का एलान को कहां तक अमली जामा पहनाया जा सका है तो परिणाम ढाक के तीन पात के चरितार्थ साबित हो रहा है अथार्त पीएम द्वारा किया गया घोषणा का हवा निकालते नजर आ रहा है। बताते चलें कि देश में 86 प्रतिशत किसान जीनके पास दो हेक्टेयर से कम भूमि है वे छोटे किसान के श्रेणी में आते हैं वैसे किसानों को प्रति दिन 27 रुपया का आमदनी हो रहा है जबकि मनरेगा मजदूरों को प्रतिदिन 200 रुपये का भुगतान किया जा रहा है कुछ राज्यों में तो 200 से भी ज्यादा का भुगतान मनरेगा मजदूरों को किया जा रहा है। पीएम मोदी गला फाड़कर कहे थे कि डेढ़ प्रतिशत एम एस पी योजना में सुधार और किसानों को प्रोत्साहन राशि के नाम पर एक लाख करोड़ से ज्यादा छोटे किसानों को सिधे किसानों के खातों में पैसे भेजे गए लेकिन सरे जमीन पर स्थित कुछ और ही बाया कर रहा है और हकिकत यह है कि जो छोटे किसान उपरोक्त योजना का वास्तविक हकदार हैं वे आज भी लाभ से बंचित होकर ठोकरें खाने को मजबुर हो रहे हैं तथा सरकारी मुलाजिम के द्वारा विचौलियो के सांठगांठ से एक परीवार के कई सदस्यों को लाभान्वित किया जा रहा है और इसके लिए संवीदा पर बहाल किसान सलाहकार अहम किरेदार साबित हो रहें हैं। इसके लिए बिहार राज्य के औरंगाबाद जिला तो मात्र बानगी है लेकिन पुरे देश का स्थिति इसी तरह का है ऐसे में छोटे किसान बनेंगे देश का शान प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी का ऐलान महज जुमला साबित हो रहा है और ऐलान का हवा निकल रहा है।

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