अम्बुज कुमार खबर सुप्रभात समाचार सेवा
काराकाट के सांसद महाबलि सिंह ने बिहार में बंद पड़ी चीनी मिलों को चालू करने की मांग को प्रमुखता से उठाया है। सिंह ने बुधवार को लोकसभा के चालू बजट सत्र में यह मांग रखते हुए कहा कि बिहार में आजादी के बाद 35 चीनी मिले काम करती थी लेकिन धीरे-धीरे 26 चीनी मिले एक-एक कर बंद हो गई। बिहार में अब मात्र 9 चीनी मिलें चालू है। मैं मंत्री महोदया से जानना चाहता हूं कि बिहार में बंद चीनी मिलों को वें चालू कराना चाहती है। सांसद के प्रश्न का उतर देते हुए खाद्य-उपभोक्ता मामले एवं सार्वजनिक वितरण विभाग की राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि चीनी मिल लगाना केंद्र सरकार का विषय नही है। वर्ष 1998 में इसे केंद्र के विषय से बाहर कर दिया गया था। सदस्य ने ही स्वीकार किया है कि चीनी मिलों को राज्य सरकार ने ही लगाया था। मंत्री के जवाब पर सांसद ने पूरक सवाल करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री चीनी उद्योगों के लिए काम करने की बात कह रहे हैं। वही मंत्री महोदया कह रही हैं कि चीनी मिलें लगाना राज्य सरकार का काम है। इसके के लिए केंद्र सरकार को काम करने की जरूरत है। कहा कि किसान अथक परिश्रम कर गन्ना का उत्पादन करते है। उन्हे सही मूल्य का भुगतान नही होता है। चीनी मिलों को गन्ना देने के बाद किसान भुगतान के लिए साल-दो साल तक चक्कर लगाते रहते है। क्या सरकार गन्ना किसानों को सही समय पर भुगतान के लिए कानून बनाने का विचार रखती है।