औरंगाबाद खबर सुप्रभात समाचार सेवा
बिहार विधानसभा चुनाव जैसे जैसे नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे जिले के नेताओं और खबरिया चैनलों का ब्यस्तता बढ़ते जा रहा है। नेताओं द्वारा खबरिया चैनलों पर जहां अपने उपलब्धियों और कार्यों का बखान कर रहे हैं वहीं खबरिया चैनल नेताओं को ढुंढ रहे हैं कि आज कौन नेता का गुणगान किया जाए। नेता जी के दावे में कितना दम और

सच्चाई है यह तो जिले के गांवों में पहुंचने और पड़ताल करने के बाद ही सच्चाई को आम जनता तक खबरिया चैनलों के माध्यम से पहुंचाया जा सकता है। लेकिन खबरिया चैनलों को गांवों में जाने और धरातलीय सच्चाई को पाठकों और दर्शकों तक पहुंचाने के लिए समय कहां की सच्चाई का उजागर किया जा सके। समय इस लिए भी नहीं की गांवों में जाने और सच्चाई को उजागर करने से नेता जी तो नाराज़ होंगे ही साथ साथ अधिकारी भी नाराज़ हो जाएंगे। इसके अलावे गांवों में जाने का मतलब तेल पेट्रोल भी ख़र्च होगा और कोई फायदा भी नहीं मिलेगा जबकि नेता जी के झूठे दावे सही यदि इंटरव्यू लेंगे तो A/C के हवा भी खायेंगे और शान शौकत भी बढ़ेगा।जिले में जलसंकट गहरा होते जा रहा है, प्रधानमंत्री आवास योजना में धांधली और मनमानी चरम पर है, सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाऐं और योजना मद्द के राशि भ्रष्टाचार का भेंट चढ़ रहा है,शराब और अन्य मादक पदार्थों का उत्पादन स्थानीय पुलिस और उत्पाद विभाग के संरक्षण में हो रहा है और उत्पाद अधीक्षक तथा स्थानीय पुलिस जानते हुए भी अनजान बने हुए हैं। लेकिन यह सवाल नहीं खबरिया चैनलों पर प्रसारित/ प्रकाशित हो रहा है और नहीं नेता जी से इंटरव्यू में सवाल किया जा रहा है। उक्त बातें समाजिक कार्यकर्ता महेन्द्र सिंह ने खबर सुप्रभात से बातचीत में कहते हुए नेताओं एवं खबरिया चैनलों के प्रति असंतोष जाहिर किये।