औरंगाबाद ख़बर सुप्रभात समाचार सेवा
सरकार द्वारा आवास विहीन लोगों को चयनित कर आवास निर्माण कराने हेतु मोटी राशि उपलब्ध कराती है। इसके लिए पंचायत वार सर्वेक्षण कर सूची का निर्माण कर जरुरतमंद लोगों को आवास निर्माण हेतु रकम लाभुकों को उपलब्ध कराती है। लेकिन धरातलीय सच्चाई कुछ और ही देखने को मिल रहा है। उक्त बातें खबर सुप्रभात से बातचीत के दौरान दाउदनगर प्रखंड के शमशेरनगर निवासी व पूर्व सैनिक

रामलायक यादव ने बताया कि आवास सहायक और बिचौलियों का सांठ-गांठ बनाकर पैसे का उगाही किया जा रहा है। इस खेल में परोक्ष अथवा अपरोक्ष ढ़ंग से पंचायत के मुखिया व प्रखंड विकास पदाधिकारी भी शामिल हैं। आलम यह है कि आवास निर्माण के लिए बनाए गए सूची पैसा वसूल कर वैसे लोगों को सूची में नाम शामिल किया गया है जो आर्थिक रूप से संपन्न लोग हैं। लेकिन जो लोग वास्तविक रुप से जरुरतमंद है उन्हें सूची से बाहर रखा गया है। पूर्व सैनिक ने कहा कि यदि दाउदनगर के प्रखंड विकास पदाधिकारी पैसे का लेन-देन में शामिल नहीं हैं तो जब आरटीआई कानून के तहत आवास निर्माण हेतु बनाए गए सूची को समयानुसार क्यों उपलब्ध प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा कराया गया। इसी तरह हसपुरा, गोह तथा बारुण प्रखंड में भी आवास निर्माण हेतु बनाए गए सूची में धांधली व मनमानी का आरोप ग्रामीणों द्वारा लगाया जा रहा है। कुटुम्बा प्रखंड के ग्राम पंचायत परता में तो ग्रामीणों द्वारा खुल्लेआम पैसा वसुले जाने का आरोप लगाया जा रहा है। जानकारी के अनुसार परता ग्राम पंचायत के भलूवाडी खुर्द में सरस्वती पूजा के अवसर पर एक कार्यक्रम के दौरान सार्वजनिक मंच से स्थानीय ग्रामीणों द्वारा आवास योजना में मनमानी एवं पैसा वसूलने का आरोप लगाया गया है।