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विद्युत विभाग के एसडीओ पर पत्रकार ने लगाया आरोप – कहा खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे

अम्बा (औरंगाबाद) खबर सुप्रभात समाचार सेवा

आगाध संपत्ति अर्जित करने की चक्कर में भ्रष्टाचार की आकंठ में डूबे बिजली विभाग के अधिकारी का अनूठा खेल बिहार प्रदेश के औरंगाबाद जिले के कुटुम्बा प्रखंड में चौंकाने वाला है और माननीय को हैरत में डालने वाला है। जनमानस की खून चूसने वाला तथा विभागीय राशि को हेरा फेरी कर

लाखों लाख बिहार – सरकार का बिजली राजस्व को डकारने वाला, विद्युत विभाग के एसडीओ का अगर चल व अचल संपत्ति की जांच कर दी जाए तो उनके कुकृतियों से अर्जित संपत्ति आरोपों की साक्षय बनकर सामने आ जायेंगे और बिहार सरकार के करोड़ों की बिजली राजस्व का हेरा फेरी कर अर्जित संपत्ति की पोल भी खुल जायेंगे। मुंह मांगी रिश्वत राशि नहीं देने वाले के विरूद्ध तथाकथित विद्युत चोरी के मामला में कई गुना अधिक फाईन ऑन द स्पॉट सुनाया जाता है, हालांकि ऐसी कार्रवाई, बिजली की चोरी में शामिल लोगों के साथ भी होती है और 4 घंटे के अंदर, पैसा लेकर बिजली ऑफिस में नहीं पहुंचने पर केस कर देने का सरे आम धमकी दी जाती है । मुंह मांगी रिश्वत राशि देने वाले को सभी गुनाह व जुर्माना माफ कर दिया जाता है और बदले में बिजली चोरी का इजाजत व छूट भी दे दी जाती है । वहीं मुंह मांगी रिश्वत राशि नहीं देने वाले तथा न्याय व अधिकार की बात करने वाले पर बिजली चोरी के मामले में जुर्माना का सभी मापदंडों को पार कर कई गुना अधिक जुर्माना लगाकर स्थानीय थाना में प्राथमिकी दर्ज करा दिया या जाता है, जिसकी वसूली मुकदमे की आड़ करने के पश्चात बिजली विभाग के अधिकारियों की संरक्षण में हो रहे सरेआम बिजली की चोरी से बिहार -सरकार को बिजली राजस्व का पहुंचने वाले क्षति/ घटा का भरपाई किया जाता है।
और गलत तरीकों से ली गई बिजली चोरी का जुर्माना की राशि को सरकार एवं विभागीय अधिकारियों के नजरों में बिजली की चोरी से वसूली गई राशि होती है। लेकिन हकीकत कुछ और होता है। चोरी के आरोप में वसूले गए राशि गरीबों व मध्य वर्गीय परिवार के खून चूस कर बिजली विभाग के कोष में लाया जाता है। इसके बदले में दबंगों से बिजली की चोरी करा के बिजली चोरी का आधा राशि उद्देश्यों से भटक चुके बिजली विभाग के अधिकारी लेते हैं। अगर राशि देने में आनाकानी हुई तो बड़े से बड़े बिजली चोरी में शामिल लोगों पर कार्रवाई भी करते हैं जिसमें बिजली विभाग के आलाअधिकारी को टीम बुलाया जाता है। बिजली विभाग की आतंक से संबंधित प्रकाशित कई समाचार से बौखलाए विद्युत विभाग के एसडीओ गौतम कुमार और जेई प्रिय कंचन कुमार निराला ने जनमानस एवं पत्रकार के सामने तथा फोन पर पत्रकार को कहा हैं कि दवंगों द्वारा बिजली की चोरी होती है, अगर हम वहां जाते हैं तो हमको पिटेगा, हमको न पुलिस बचा पायेगी न सरकार सुन पाएगी। और न आप बचाने आयेंगे। हम लात मुक्का खाकर वहां से लौट आएंगे । आखिर बिजली चोरी से सरकार को पहूंचने वाली राजस्व की क्षति व घटा का भरपाई हम लोग कहां से करें, मंत्री से संत्री तक तथा होने वाले जांच पर झोली देना पड़ता है। क्या सच में बिजली विभाग के अधिकारियों द्वारा गरीबों को चूसे जा रहे खून की झोली सभी तक पहुंचता है ? अथवा सभी तक रिश्वत राशि की झोली पहुंचने की आड़ में बिजली विभाग के अधिकारियों द्वारा मध्यम वर्गीय परिवार एवं गरीबों का खून चूसने का कार्य किया जा रहा है, इसकी जांच सार्वजनिक स्तरों पर अभी तक नहीं हो पाई है । बिजली विभाग के अधिकारियों की बातों में अगर दम है तब तो गरीबों की खून सूचना उनकी मजबूरियां है अगर उनकी बात गलत है तो जांच कर आरोपित अधिकारियों पर कठोर से कठोर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए ताकि घटनाओं की पुनरावृत्ति पर रोक लगा सके। ज्ञात हो कि बिजली विभाग का आतंक , आत्महत्या के लिए मजबूर हैं, उपभोक्ता व किसान शीर्षक से दैनिक शुभ भास्कर, हिंदी दैनिक पीडीएफ समाचार पत्र में प्रमुखता से छपी खबर को बिहार- सरकार के माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गंभीरता से लिया है और साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के आधिकारियों को जांच का आदेश दिया है। जिसमें बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड शाखा नवीनगर एवं कुटुम्बा के आधिकारियों पर कई गंभीर आरोप है। मुख्यमंत्री द्वारा उपरोक्त प्रकरण में बिजली विभाग के वरीय अधिकारियों को दिए गए जांच आदेश से बौखलाए बिजली विभाग के एसडीओ गौतम कुमार ने दैनिक शुभ भास्कर के संपादक अनिल कुमार मिश्रा के व्हाट्सएप पर लिखित संकेत दिया है कि भ्रष्टाचार की आकंठ में शामिल हो जाओ, वरना परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहो।