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कांग्रेस नेता ने लगाया प्रदेश अध्यक्ष पर गंभीर आरोप

अम्बुज कुमार खबर सुप्रभात समाचार सेवा


बिहार प्रदेश किसान कांग्रेस के उपाध्यक्ष धीरेंद्र कुमार सिंह ने बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉक्टर अखिलेश प्रसाद सिंह पर चुनाव लोकसभा चुनाव 2024 में उनके द्वारा की गई पार्टी की दुर्गति की ओर ध्यान दिलाते हुए आरोप लगाया है कि डॉक्टर अखिलेश प्रसाद सिंह के गलत नीति और राजद के प्रेम के चलते कांग्रेस पार्टी को बिहार में तीन सीटों पर संतोष करना पड़ा नहीं तो जो स्थिति बनी हुई थी

कांग्रेस पार्टी 9 सीटों में 7 सीटों पर चुनाव में विजय प्राप्त करती कोई भी दल के गठबंधन में बात के उपरांत प्रेस कॉन्फ्रेंस में कर सीटों की क्षेत्र बाई घोषणा की जाती है बिना घोषणा किए हुए राजद ने 5 सीटों पर अपनी उम्मीदवार को सैंपल देती है इसके उपरांत भी डॉक्टर अखिलेश प्रसाद सिंह ने राजद प्रेम में पार्टी के हित में कोई निर्णय नहीं दिया और बाद में उन सीटों पर जिन पर वहां गठबंधन की जीत कभी-कभी हुई ही नहीं उन उन सीटों को कांग्रेस के माध्यम बढ़ा दिया गया उसमें भी डॉक्टर अखिलेश प्रसाद सिंह सबसे पहले पार्टी के परंपरागत सीट औरंगाबाद पूर्णिया बेगूसराय को छोड़कर पार्टी की बलि दे दी उसके उपरांत 9 सीट पर 6 सीटों के लिए 12वीं विद्वार को लाकर टिकट देने का कार्य किया इसमें पैसे की लेनदेन और उन सीटों का परिणाम क्या होगा इससे संबंधित एक चिट्ठी मैंने 12.5.24 को ही मलिकार्जुन खड़गे को रजिस्टर डाक से दिया था जिसके प्रतिलिपि संलग्न कर रहा था मैं स्पष्ट कहा था कि किशनगंज और कटिहार सीट उम्मीदवार अपने बलबूते जीतेंगे और किसी भी सीट पर जीत की आसान नहीं थी परंतु हम सासाराम से पर अंत तक विजय प्राप्त कर सके क्योंकि पार्टी के लिए गर्भ की बात है यदि औरंगाबाद पूर्णिया बेगूसराय कांग्रेस के हिस्से होती तो आज हमारे सांसों की संख्या अच्छे होती है परंतु अखिलेश प्रसाद सिंह ने अपने पुत्र प्रेम में पार्टी की बलि दे दी पुनिया सीट नहीं लिए जी पप्पू यादव ने कांग्रेस के लिए अपना सर्विस त्याग बलिदान कर दिया पार्टी की कांग्रेस में विलय कर दिया इसके बावजूद भी पप्पू यादव के सेट को इस अध्यक्ष ने नहीं बचा सका सिर्फ इसलिए की मजबूत नेता से हमारी राजनीति को दिक्कत हो और इसके बाद पप्पू यादव को हराने का भी कार्य किया परंतु प्रदेश अध्यक्ष को इसके नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए कि अपने पुत्र को जीतने के लिए पूरा बिहार कांग्रेस के लोगों को एकत्र किया इसके बाद भी अपने पुत्र को नहीं जीत सके और जिस पर पूजा को हराने के लिए हर हाथ कांड अपनाया पप्पू यादव चुनाव विजय प्राप्त की आदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ अखिलेश प्रसाद सिंह के द्वारा औरंगाबाद जिला कांग्रेस कमेटी 17 लख रुपए की मांग की गई थी जो रुपया जिला कांग्रेस कमेटी ने नहीं दिया उनकी अखिलेश प्रसाद सिंह का कहना था कि राहुल गांधी जी के औरंगाबाद कार्यक्रम में भोजन में 17 लख रुपए खर्च हुए थे जबकि औरंगाबाद में राहुल गांधी जी रुके ही नहीं थे इसके बावजूद भी उन्हें पैसा मांगा जिला कमेटी पैसा नहीं दिया इस गुस्से में औरंगाबाद सीट को उन्होंने रजत को छोड़ दिया यह डॉक्टर अखिलेश प्रसाद सिंह का प्रकृति में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के नेतृत्व से अपमान करता हूं कि अखिलेश प्रसाद सिंह को हटाकर किसी भी दूसरे कांग्रेसी को जो कि कांग्रेसी हो दूसरे दलों से आए हुए व्यक्ति को कमान नहीं देनी चाहिए हां पार्टी में आए रहे पार्टी की सेवा करें इसके बाद सोचा जाएगा लेकिन कमान नहीं देंगे उसको प्रदेश का अध्यक्ष बनाया जाए और अभी बिहार के चुनाव में डेढ़ वर्षो का समय है अभी भी पार्टी की हम लाज बचा सकते हैं पार्टी का बिहार में राहुल गांधी जी के न्याय यात्रा के बाद पार्टी के प्रति लोगों का रुझान लगाओ पड़ा जरूरत थी उसे भगाने की लेकिन डॉक्टर अखिलेश प्रसाद सिंह ने उसे पार्टी के पक्ष में गुना नहीं सकते पड़ा p जिसका खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ा पार्टी के विजय श्री की सीटों की संख्या आधी हो गई 9 सीट प्राप्त करने के बाद अखिलेश प्रसाद सिंह बाहर के द्वारा ले गए उम्मीदवारों को टिकट दियाआज यदि अपनी पार्टी को कार्यकर्ता को भी टिकट देते वीडियो भी चुनाव हरता तो कम से कम पार्टी का झंडा होता लेकिन अखिलेश प्रसाद सिंह को पैसा चाहिए था पैसा लेकर टिकट भेजो में केंद्रीय नेतृत्व से मांग करता हूं मैं यह नहीं करता कि किसी व्यक्ति को अध्यक्ष बनते हैं लेकिन अखिलेश प्रसाद सिंह को हटाए और पार्टी को बिहार में बचाए एमएम
मैं केंद्रीय नेतृत्व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमाल का अर्जुन खड़गे श्रीमती सोनिया गांधी जी राहुल गांधी जी से यह मांग करता हूं कि अखिलेश सिंह को हटाए और किसी को भी अध्यक्ष बनाएं और उनके साथ पांच कार्य अध्यक्ष बनाएं हर कार्यकारी को दो प्रमंडल का प्रभार दिया जाए साथ थे उन्हें हिदायत किया जाए की माह में 6 दिन प्रमंडल में निवास करें और अपने जिले की कमेटी को मजबूती प्रदान करें इस तरह 243 विधानसभा अध्यक्ष बनाया जाए प्रत्येक जिला में महासचिव और सचिव प्रभारी युक्ति की जाए प्रदेश कमेटी को एक माह में तैयार किया जाए और हम संघर्ष के रास्ते पर आगे बढ़े कोई शक नहीं की 2025 में हमारी सरकार होगी लेकिन यह अखिलेश प्रसाद सिंह के रहते संभव है इसलिए कि अखिलेश प्रसाद सिंह को सिर्फ पैसा और पैसा चाहिए पैसा के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं कहीं भी पार्टी को बंधक रख सकते हैं
केंद्रीय नेतृत्व से हमारी यह मांग कि किसी के कहने पर किसी को अध्यक्ष ना बनाया जाए या किसी के कहने पर पार्टी का गठबंधन न किया जाए कार्यकर्ताओं से राजकुमारी ले जाए केंद्रीय कमेटी के द्वारा पर्यवेक्षकों की टीम भेजी जाए और उसे टीम को यह हिदायत रहे जिस कमरे में बैठे वहां सिर्फ प्रखंड का अध्यक्ष उपाध्यक्ष दिल्ली गेट आएगा और अपना विचार रखेगा वहां प्रदेश के कोई नेता नहीं रहेगा इसलिए कि किसी नेता के सामने रहने के बाद कार्यकर्ता बोलने में संकोच करते और जो बहुमत हो उसे पर निर्णय लिया जाए पार्टी को मजबूती मिलेगी अगर मंदिर ने गठबंधन के पक्ष में हो गठबंधन करें या अध्यक्ष जिसको भी बनाने के पक्ष में होशियार अध्यक्ष बनाएं पार्टी मजबूत होगी और जब पार्टी मजबूत होगी तो हम सभी भी मजबूत रहेंगे अखिलेश प्रसाद सिंह का जो सच है की कमजोरी कांग्रेसी हमें फायदा पहुंचाएगी अगर पार्टी के 35 विधायक होते राज्यसभा सदस्य चुनने की शक्ति उनमें होती तो उनको टिकट नहीं मिलता लेकिन राजद के समर्थन पाने के लिए उनकी टिकट दी गई एमएलसी का सीट कौन होने अपना राज्यसभा बनने के लिए पार्टी के नेताओं की बलि दे दी कोई भी बनता पार्टी का एक व्यक्ति एक चेहरा तो एमएलसी होता लेकिन अखिलेश सिंह ने ऐसा नहीं होने की अखिलेश सिंह को सिर्फ अपनी चाहिए 2019 के चुनाव में भी अखिलेश प्रसाद सिंह ने पार्टी को इसी तरह का नुकसान पहुंचा था अपने चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष थे और अपने बेटा को मोतिहारी से उपेंद्र पर कुशवाहा जी की पार्टी रालु जप से टिकट दिलवाई थे और उनका बेटा चुनाव वहां भी नहीं जीत पाया उसके बाद वह कभी भी कांग्रेस ज्वाइन भी नहीं किया लेकिन उसे कांग्रेस का डेलीगेट भी बना दिए खुद अपने अध्यक्ष होने के बाद और इस बार के चुनाव में पार्टी का टिकट महाराजगंज से जा करती हैइनका बेटा बिहार गया जबकि पूरे बिहार के नेता वहां जाकर कैंप की अगर यह नेता और क्षेत्र में भी जाते और क्षेत्र का हम चुनाव जीत सकते थे लेकिन अखिलेश को खुश रखने के लिए नेताओं ने सिर्फ महाराजगंज में हाजिर थी परिणाम हम सब जगह और महाराजगंज बिहार इस अध्यक्ष डॉक्टर अखिलेश प्रसाद सिंह को इस हार के नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से कम से कम इस्तीफा दे देना चाहिए था।