अम्बुज कुमार खबर सुप्रभात सामाचार सेवा
कृषि विज्ञान केंद्र,सिरिस,औरंगाबाद के प्रांगण में 25 अगस्त (शुक्रवार) को वैज्ञानिक सलाहकार समिति की पंद्रहवी (15) बैठक संपन्न हुई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं अध्यक्ष डॉ आर. के. सोहाने, निदेशक प्रसार शिक्षा, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, भागलपुर एवं विशिष्ट अतिथि श्री राम ईश्वर प्रसाद, जिला कृषि पदाधिकारी, औरंगाबाद थे । इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य जिला में किसानों की खेती से जुड़े समस्याओं के परिप्रेक्ष्य में अनुसंधान पश्चात समाधान ढूंढने

हेतु विचार विमर्श करना एवं जिले के विभिन्न कृषि और कृषि से सम्बंधित पदाधिकारियों व किसानों के उपस्थिति में आगे की कार्य योजना तैयार करना था । सर्वप्रथम कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए केंद्र के वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान डॉ विनय कुमार मण्डल ने बैठक में उपस्थित सारे आगंतूको का परिचय व स्वागत करने के पश्चात पिछले वर्ष की बैठक में दिए गए निर्देश के अनुपालन हेतु उठाए गए कदमों की विस्तृत चर्चा की जिसके समीक्षा वैज्ञानिक सलाहकार समिति के सदस्यों व अध्यक्ष के द्वारा किया गया । तत्पश्चात आगामी वर्ष की कार्य योजना की रूपरेखा तैयार की गई । इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ आर. के. सोहाने ने जिले में मोटे अनाज वाली फसलों तथा फसलों की ऐसी प्रजाति जिसमे नूट्रिशनल वाल्यू ज्यादा हो उन प्रजातियों को बढ़ावा दिया जाय साथ ही जल सरंक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाया जाए । किसानो को कृषि के साथ साथ समेकित कृषि प्रणाली को स्थापित करना चाहिए जिससे किसानो को अधिक से अधिक आमदनी वर्षभर होती रहे। कृषि यंत्रों का कृषि में अधिक से अधिक उपयोग करने की सलाह दी तभी किसानों की आमदनी बढ़ सकती है एवं एक जिला एक उत्पाद योजना के साथ साथ फसल चक्र, फसल विविधीकरण एवं अंतर्वर्ती फसल का समायोजन किया जाए । श्री राम ईश्वर प्रसाद, जिला कृषि पदाधिकारी, ने कहा की कृषि विभाग, आत्मा और कृषि विज्ञान के संयुक्त रूप से किसानों के हित मे कार्य कर रहा है और आगे भी सशक्त रूप से किसानों के हित मे कार्य करेंगे जिससे किसानों को अधिक से अधिक लाभ हो । किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि कृषि विज्ञान केंद्र के सहयोग से जिला में किसानों को प्रशिक्षण दिया जाता है जिससे किसान लाभान्वित होते हैं ।
एलडीएम पंजाब नेशनल बैंक ने कृषकों को कृषि एवं कृषि संबंधित कार्य हेतु ऋण मुहैया के लिए हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया l सहायक निदेशक, रसायन ने कहा की औरंगाबाद के मिटटी की उपजाऊ शक्ति कम हो रही है इस लिए किसानो को कार्बनिक खादों के साथ साथ पोटाश, सल्फर, एवं शुक्ष्म पोषक तत्वों का प्रयोग संतुलित मात्रा में करना चाहिए। बैठक में उपस्थित प्रगतिशील कृषकों ने अपनी विभिन्न समस्याओं को जिले के परिपेक्ष में अध्यक्ष के समक्ष रखा जिसे अध्यक्ष के आदेश अनुरूप अगले वर्ष की कार्य योजना में शामिल किया गया। वैज्ञानिकों ने अगले वर्ष की कार्य योजना प्रस्तुत किया । इस अवसर पर केन्द्र के सभी वैज्ञानिक एवं कर्मचारी तथा अन्य गणमान्य कृषक उपस्थित थे ।