पीयूसीएल राष्ट्रीय पार्षद डीके अकेला के कलम से
भारत के संविधान निर्माता और दुनिया के चर्चित हस्तियों में शुमार बुद्धिजीवी ,समाज के दबे-कुचले प्रताड़ित दलितों के पथ प्रदर्शक और हक-अधिकार से बंचित समाज के सजग मसीहा बाबा साहेब भीमराव अम्बेदकर के एतिहासिक
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जयन्ती पर दिल की गहराई से श्रद्धा सुमन, शोक श्रद्धांजलि और कोटि-कोटि नमन । बाबा साहेब की जयंती मनाने का वर्तमान परिप्रेक्ष्य में असली औचित्य है, उनके अधूरे सपनों, लक्ष्य-उदेश्य व कार्यक्रम को व्यवहारिक अमलीजामा पहनाना प्राथमिकता के बतौर है।
बाबा साहेब किसी व्यक्ति विशेष का नाम नहीं बल्कि मजबूत राष्ट्रवाद व समतामूलक समान विचारधारा का एक नाम है। विश्व बंधुत्व की वकालत करने वाले बाबा साहेब सचमुच एक युगद्रष्टा थे ,जिन्होंने बुद्ध ,कबीर एवं ज्योतिबा फूले को अपना आदर्श माना।