आलोक कुमार, संपादक सह निदेशक खबर सुप्रभात
आज आरा में केन्द्रीय मंत्री आरके सिंह मेयर को डंडा से मारने का ऐलान कर न सिर्फ लोकतांत्रिक मर्यादा को तार तार किया है बल्कि उन्होंने यह साबित कर दिया कि वे भी कानून को अपने हाथ में लेकर दादागिरी करने का रास्ता अख्तियार करेंगे। केन्द्रीय मंत्री शहर के जर्जर सड़क को देखकर अपना धैर्य खो दिया तथा लोकतांत्रिक मूल्यों के आदर्शो को न सिर्फ ठेंगा दिखाया बल्कि लोकतांत्रिक गणराज्य में अपना औकात भी भूल गए तभी तो उन्होंने

मेयर और पार्षदों को डंडा से मारने का बात कर रहे हैं। आरके सिंह भी चुने हुए जनप्रतिनिधि है और मेयर तथा पार्षद भी चुने हुए जनप्रतिनिधि होते हैं। जब केन्द्रीय मंत्री होने का नशा उन्हें है तो फिर बिहार में जंगल राज कहने का अधिकार अब नहीं आरके सिंह के पास रहा और नहीं भाजपा अथवा एनडीए नेताओं के पास। केन्द्रीय मंत्री शायद अनभिज्ञ हैं कि आज देश में एनडीए सरकार बनने के बाद एनडीए नेताओं का स्विज बैंक और अन्य विदेशी बैंकों में अनगिनत पैसे जमा हो गया है, केन्द्रीय योजना मनरेगा, मीड डे मील जैसे अनेकों केन्द्रीय योजनाएं आज भ्रष्टाचार का भेंट चढ़कर दम तोड रहा है। यहां तक कि उनके मंत्रालय के अंतर्गत विद्युत विभाग आज लपरवाही मनमानी एवं अनियमितता तथा भ्रष्टाचार का भेंट चढ़ा हुआ है इसके लिए आखिर उन्हें गुस्सा क्यों नहीं आता है यह भी एक यक्ष प्रश्न बना हुआ है।