औरंगाबाद, खबर सुप्रभात
औरंगाबाद सदर अस्पताल में चिकित्सा ब्यवस्था को हर हाल में सिदृढ बनाने केलिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए पानी के तरह बहा रही है। डाक्टरों एवं स्वास्थ्य कर्मियों को वेतन और सुबिधा के नाम पर भी करोड़ों रुपए खर्च कर रही है लेकिन यहां डाक्टरों तथा स्वास्थ्य कर्मियों के लपरवाही थमने का नाम नहीं ले रहा है। जबकि स्थानीय जनप्रतिनिधि और जिलाधिकारी भी समय समय पर औचक निरीक्षण करते रहे हैं। लेकिन सभी प्रयास और निरिक्षण बेकार साबित हो रहा है और डाक्टरों तथा स्वास्थ्य कर्मियों के मनमानी और लपरवाही के आगे रोगी बेवश और लचार बने हुए हैं। 23सितम्बर (शुक्रवार)को रोगियों के परिजनों के शिकायत पर जब खबर सुप्रभात का टीम प्रसव कक्ष में पहुंचा तो कई चौकाने वाले तथ्य सामने दिखाई पड़ा।
सबसे पहले हिर्दय विदारक घटना तो यह है कि एक जच्चा बच्चा को प्रसव कक्ष के ठीक सामने फर्श पर बैठा हुआ था इसके लिए दोषी अथवा लपरवाही किसका है यह तो चांच से ही पता चल पायेगा दुसरी प्रसव वार्ड में उपस्थित एक ममता दीदी को यह भी पता नहीं था कि आखिर आज दिन में कौन
महिला चिकित्सक का ड्यूटी है, जब ड्यूटी पर तैनात महिला चिकित्सक नहीं मिले तो 27 नवम्बर ड्यूटी कक्ष में पहुंचा तो वहां ड्यूटी पर तैनात नर्स भी साफ बताने में परहेज कर रहे थे यहां तक कि मोबाइल नंबर भी बताने में परहेज कर रहे थे। बताते चलें कि जब रोगी महिला चिकित्सक से मिलकर बेहतर इलाज के लिए संपर्क करने और उचित सलाह और इलाज के लिए परामर्श लेने के लिए बेताब था तो ड्यूटी पर तैनात महिला चिकित्सक ढुढने पर भी नहीं मिल रहे थे।
अब सवाल यह उठता है कि आखिर साफ साफ जानकारी देने और मोबाइल नंबर देने से क्या परेशानी हो रहा था ड्यूटी पर तैनात नर्स को , आखिर क्या छिपाने का कोशिश किया जा रहा था यह एक यक्ष प्रश्न अस्पताल प्रबंधन से बना हुआ है?