(गाजियाबाद)निर्मल शर्मा के कलम से
_आजादी के आंदोलन के दौरान_
_अंग्रेजों की दलाली करने वालों को !_
_तिरंगा फहराने का अधिकार नहीं है !_
*_मैं ! 1947 का हिंदुस्तान बोल रहा हूं !_*
_भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान_
_अंग्रेजों की हिमायत करने वालों को !_
_तिरंगा फहराने का कोई अधिकार नहीं है !_
*_मैं ! 1947 का हिंदुस्तान बोल रहा हूं !_*
_मुस्लिम लीग के साथ मिलकर,_
_सरकार चलाने वाले सांप्रादायिकों को !_
_तिरंगा फहराने का अधिकार नहीं है !_
*_मैं ! 1947 का हिंदुस्तान बोल रहा हूं !_*
_भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में_
_दो राष्ट्र के सिद्धांत की वकालत करने वालों को !_
_तिरंगा फहराने का कोई अधिकार नहीं है !_
*_मैं ! 1947 का हिंदुस्तान बोल रहा हूं !_*
_सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज_
_का विरोध करने वालों को !_
_तिरंगा फहराने का कोई अधिकार नहीं है !_
*_मैं ! 1947 का हिंदुस्तान बोल रहा हूं !_*
_1942 में मुस्लिम लीग के साथ_
_सरकार में शामिल होने वालों को !_
_तिरंगा फहराने का कोई अधिकार नहीं है !_
*_मैं ! 1947 का हिंदुस्तान बोल रहा हूं !_*
_“करो या मरो ” और “अंग्रेजों भारत छोड़ो “_
_आंदोलन का विरोध करने वालों को !_
_तिरंगा फहराने का कोई अधिकार नहीं है !_
*_मैं ! 1947 का हिंदुस्तान बोल रहा हूं !_*
_जंगे आजादी में तिरंगे झंडे का विरोध_
_करने वालों और इसके स्थान पर_
_भगवा झंडे की वकालत करने वालों को !_
_तिरंगा फहराने का कोई अधिकार नहीं है !_
*_मैं ! 1947 का हिंदुस्तान बोल रहा हूं !_
