ज़ख्म का रंगीन फोटो आवश्यक

अम्बुज कुमार खबर सुप्रभात समाचार सेवा

व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद के प्रभारी जिला जज प्रथम ने जमानत याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा कि किसी भी मानव पर अपराधिक हमले में प्राथमिकी दर्ज होने के 24 घंटे के अंदर इंजरी रिपोर्ट में ज़ख्म का रंगीन फोटो संलग्न होना आवश्यक है, अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि इससे चोट की प्राकृति और गम्भीरता का दस्तावेजीकरण होगा,चोट के कारण निर्धारण और भविष्य में कानूनी कार्रवाई में मदद मिलेगी,यह कोर्ट में साबुत के रूप में पेश होगा , न्यायधीश ने एक जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि अब झुठी प्राथमिकी दर्ज करवाने पर सात साल से अधिक की सजा हो सकती है अभियुक्त को अपने उपर हुए प्राथमिकी से बचने के लिए झुठी प्राथमिकी का सहारा लेना खतरनाक हो सकता है,एक अन्य जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि बैंक अधिकारियों को ग्राहकों के साथ बेंक ऋण मामले में मधुर सम्बन्ध नहीं त्यागना चाहिए, अंत में अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि न्यायधीश ने आत्मसमर्पण सह जमानत याचिका संख्या -817/25 में नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ संतोष कुमार और उनके कम्पाउन्डर बिट्टू सिंह को जमानत दे दी, उनके खिलाफ जगनरायण राम शेखपुरा पोईवा ने एससी-एसटी परिवाद-05/22 भादंवि धारा -323/406/420 और एससी-एसटी एक्ट में दाखिल कराया था,