नीतीश कुमार खबर सुप्रभात समाचार सेवा
नवादा नगर में रक्तबीज की तरह पन रहे साइबर अपराध की घटना थमने का नाम नहीं ले रहा है। कमोबेश प्रत्येक दिन जिले में साइबर अपराधी किसी न किसी को लूट का शिकार बना रहे हैं। सिर्फ साइबर थाना में दर्ज कांड के अनुसार मई महीने में अबतक की 13वीं घटना है। इसके अलावा भी क्षेत्र में साइबर ठगी का मामला देखने और सुनने को मिलता रहता है। साइबर अपराध खत्म होने के बजाय कुकुरमुत्ता की तरह सुरषा की तरह महा विराट रूप अख्तियार कर लिया है। इसके भुक्तभोगी बेकसूर निरीह आमलोग आये दिन होते आ रहे हैं। साइबर क्राइम के मामले में जामताड़ा को काफी पीछे छोड़ बहुत आगे निकल गया है। अगर साइबर क्राइम की कहीं भी प्रतियोगिता हो तो नवादा की झोली में गोल्ड मिडल अवश्य रहेगा। जिला पुलिस- प्रशासन के सामने यह एक बहुत बड़ी चुनौती मुंहवाये खड़ी टुकुर- टुकुर ताक-छाक रही है। साइबर थानाध्यक्ष के अनुसार साइबर थाना में 50 हजार से ऊपर का मामला दर्ज किया जाता है। 50 हजार से कम की ठगी के मामले में लोग स्थानीय थाने में शिकायत दर्ज कराते हैं या फिर नियति मान कर चुपचाप मायूस होकर घर में बैठ जाते हैं। 13वीं घटना में नगर थाना क्षेत्र के ननौरा निवासी सत्येंद्र प्रसाद के अनुसार वह रांची एक रिश्तेदार के यहां जाने के लिए नवादा स्टेशन पर पहुंचा था। ट्रेन में चढ़ने के दौरान भीड़ ज्यादा थी, जिसका फायदा उठाते हुए बदमाशों ने मोबाइल पैकेट से निकाल लिया। जब तक विरोध करता, तब तक ट्रेन खुल चुकी थी। उन्होंने सिम बंद कराने का काफी प्रयास किया, लेकिन कस्टमर केयर से बात नहीं हो सकी। रांची पहुंचा, तो अपना मेल चेक किया। मालूम हुआ कि बैंक खाता खाली हो चुका है। साइबर अपराधियों ने खाते से एक लाख नौ हजार नौ सौ 98 रुपये निकाल लिये। इसके बाद नवादा साइबर थाना पहुंच कांड संख्या 71/25 दर्ज कराया। अब देखना यह है साइबर क्राइमर पर पुलिस-प्रशासन काबू पाती है या पुलिस-प्रशासन पर ही साइबर क्राइमर काबू पा लेगा,कहना बेहद मुश्किल है। लेकिन,जिला पुलिस – प्रशासन साइबर क्राइमर के सामने बिल्कुल बौना साबित होते प्रतीत हो रहा है। कुछ लोग तो नाम नहीं बताने के शर्त पर दबे जुवान से कहा कि जबतक साइबर क्राइमर के साथ जब तक मिलीभगत रहेगा तबतक यह फूलता-फलता रहेगा। ठीक शराबबंदी जैसे हास्यास्पद नौटँकी की भांति थमने के बजाय बढ़ता ही चला जायेगा।