अम्बुज कुमार , खबर सुप्रभात
बिहार सरकार के पूर्व मंत्री एवं राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश उपाध्यक्ष डा सुरेश पासवान ने कहा है कि औरंगाबाद सहित पुरे बिहार जबरदस्त सुखे के चपेट में हैं। सरकार ने भी माना है कि बिहार के 35 जिलों में सूखे का गंभीर संकट है, सामान्य से बहुत कम मतलब न के बराबर वर्षा हुआ है।धान के बिचड़े भी किसी तरह पंपींग सेट से किसान बचा रहे हैं। लेकिन यही स्थिति रहा तो आगे बच पाना मुश्किल है। खेती का समय निकलते जा रहा है। नदियां, नहरें सुखे पड़े हुए हैं। उत्तर कोयल नहर और बंटाने हडियाही नहर डबल इंजन सरकार के लिए राजनीतिक, चुनावी संजिवनी बन कर रह गया है।मंडल डैम से लेकर मोहम्मदगंज बराज तक न जाने कितने बार यात्रा, पदयात्रा सांसद, विधायक के द्वारा किया गया,कुटकू( मंडल) डैम में गेट लगाने के लिए खुद देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी वर्ष 2018-19 में शिलान्यास किया लेकिन तीन चार साल बीत जाने के बाद भी ढाक का तीन पात ही साबित हो रहा है।
औरंगाबाद में 67%कम वर्षा होने के कारण जमीन के अंदर का जलस्तर भी और नीचे चला गया है। अधिकांश मोटर पंप जो घरेलू उपयोग के लिए लगे हैं प्रायः बंद है। पीने का पानी का जबरदस्त किल्लत हो गया है। विशेष रूप से औरंगाबाद जिला के नवीनगर, कुटुंबा,देव, मदनपुर, रफीगंज और औरंगाबाद प्रखंड में तो पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है।भदइ का खेती तो सम्पूर्ण रूप से जल गया जिसमें मक्का, ज्वार बाजरा, मूंगफली,मूंग बराई, मडुंआ आदि का फसल होता था। किसानो के सामने आदमी और पशुओं दोनों के लिए खाने पीने की समस्या उत्पन्न हो गई है।
डॉ पासवान ने कहा है कि खासकर दक्षिण बिहार की स्थिति बहुत ज्यादा खराब है इसलिए बिहार सरकार को बिना बिलंब किए औरंगाबाद सहित पुरे बिहार को सुखाड़ क्षेत्र घोषित करना चाहिए तथा एक रोड़ मैप के तहत युद्ध स्तर पर सुखाड़ से निपटने हेतु बड़े पैमाने पर राहत कार्य चलाना चाहिए। तथा खरीफ की खेती कैसे हो इसपर रणनीति तैयार करना चाहिए।