औरंगाबाद खबर सुप्रभात समाचार सेवा
औरंगाबाद समाहरणालय स्थित योजना भवन में सोमवार को पुलिस अधीक्षक स्वप्ना जी मेश्राम ने अपराध के घटनाओं का समीक्षा बैठक कर अपने सभी अधिनस्थ पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सदर 1 और सदर 2 के अलावे दाउदनगर
अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सहित सभी अधिनस्थ पदाधिकारी मौजूद थे। बैठक में लगभग सभी बिंदुओं पर चर्चा की गई और दिशा निर्देश दिया गया। बताते चलें कि पुलिस अधीक्षक द्वारा अपराध का समीक्षा प्रत्येक माह किया जाता है और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया जाता है। लेकिन यह भी सत्य है कि पुलिस अधीक्षक द्वारा दिया गया आवश्यक दिशा-निर्देश का अनुपालन अधिनस्थ अधिकारियों द्वारा नहीं के बराबर अनुपालन किया जाता है। अधिनस्थ अधिकारी यदि पुलिस ने द्वारा दिए गए दिशा निर्देश का यदि इमानदारी से अनुपालन होता तो जिले में बालू और शराब का अवैध गोरखधंधा नहीं फलता फूलता। जानकारी के अनुसार फर्जी चालान का ब्यवस्था कर बालू माफियाओं द्वारा अवैध बालू का गोरखधंधा चला रहे हैं जो गहन जांच का विषय है। जिले में शराब का परिवहन धड़ल्ले से होता है और पुलिस पेट्रोलिंग तथा चेकपोस्ट पर तैनात चौकिदारों को भनक तक नहीं लगती हैं आखिर यह क्या मामला है आम लोगों के समझ से बाहर का विषय बनता जा रहा है। पिछले महीने अम्बा थाना क्षेत्र के रहम बिगहा कब्रिस्तान के पास तक आखिर शराब लदे फोर व्हीलर कैसे पहुंच गया? झखरी स्कूल मोड़ तक एक स्कूल वाहन से शराब कैसे पहुंच गया? मछली मार्केट अम्बा तक 22 चक्का ट्रक पर लदे शराब कैसे पहुंच गया? यदि इमादार जांच और समीक्षा हो तो यह साफ जाहिर होगा कि थाना में बिचौलियों तथा सफेद पोषो का अड्डा लगा रहता है तथा अप्रत्यक्ष रूप से थाना का संचालन में वैसे लोगों का भूमिका रहता है। और इसी का नतीजा है कि जिले में कई निर्दोष लोगों पर फर्जी एवं झुठा मुकदमा दर्ज कर तंगो तबाह किया जाता है।जब इसकी शिकायत वरीय पुलिस पदाधिकारी से की जाती है तो जांच के नाम पर मामले को लटका दिया जाता है और पिडत पक्षों को न्याय नहीं मिल पाता है। फलस्वरूप जिले में पुलिस अधीक्षक का सभी कानून संगत आदेश भी बेकार साबित हो रहा है।और गुड पुलिसिंग जनमानस के बीच सवालों के घेरे में है।