डीके अकेला का रिपोर्ट
बिहार के नियोजित शिक्षकों के लिए यह एक बहुत बड़ी खुशखबरी है। पटना हाइकोर्ट के आदेश से नियोजित शिक्षकों में बेहद खुशी की लहर दौड़ रही है। सक्षमता परीक्षा में न बैठने या फेल हो जाने वाले नियोजित शिक्षकों की नौकरी अब नहीं जाएगी। यह राहत पटना हाइकोर्ट ने दी है। हाइकोर्ट ने पिछले मंगलवार को उक्त मामले पर सुनवाई करते हुए नियमावली के पारा 4 और 12 को सिरे से खारिज करते हुए आदेश दिया है कि सक्षमता परीक्षा में शामिल नहीं होने वाले और इसमें फेल होने वाले किसी भी कीमत पर शिक्षकों की नौकरी अब नहीं जाएगी।
पटना हाइकोर्ट ने जिस नियमावली
-12 के तहत अपीलीय प्राधिकार को खत्म किया गया था, उसे भी खारिज कर दिया है। हाइकोर्ट के इस एतिहासिक फैसले के बाद नियोजित शिक्षकों के बीच काफी उत्साह का अद्भुत माहौल है।मेसकौर प्रखंड के नियोजित शिक्षक संघ के सक्रिय सदस्य आनंदी पासवान, जितेन्द्र कुमार व ब्रजेश कुमार ने बताया कि पटना हाइकोर्ट का आदेश नियोजित शिक्षकों के लिए एक तरह से संजीव नी बुटी के समान है। नियोजित शिक्षकों में सक्षमता परीक्षा को लेकर बिहार सरकार प्रति भारी गुस्सा व्याप्त था। उनका कहना था कि सक्षमता परीक्षा के बहाने सरकार छ टनी करने का बेशर्म प्रयास कर रही है। इसके बाद नियोजित शिक्षकों के संघ की ओर से नयी नियमावली के विरुद्ध पटना हाइकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी। हाइकोर्ट के फैसला के बाद सरकार के मुँह पर मानो कालिख पुत गया है और घृणित काले मंशा पर भी पानी फिर गया है। नियोजित शिक्षकों के द्वारा पूरे प्रदेश में जश्न मनाया जा रहा है। नियोजित शिक्षकों ने अब राहत की साँस ले लिया है।