नवादा से गौरी विश्वकर्मा का रिपोर्ट
नवादा नगर परिषद क्षेत्र का समस्त कचड़ा खुरी नदी के हवाले कर देने का सिलसिला लगातार जारी है जिससे चौड़े पाट की खुरी नदी शहरों के पास सिमटती जा रही है । दूसरी ओर तटीय क्षेत्र में तेजी से अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है और दुर्गन्ध से आम जनजीवन पर बुरा असर पड़ रहा है । नदी पाइन व अन्य जलाशयों के सरंक्षण हेतु केंद्र व राज्य सरकार की सभी योजनाएं यहां टाँय-टाँय फिस्स हो गई है । हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि खुरी नदी अब नाली के रूप में तब्दील होता जा रही है । कई जनसंगठनों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कुछ वर्ष पूर्व इस पर गंभीरता से विचार किया था किन्तु अब सब कुछ भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है । कुछ वर्ष पूर्व जनहित विकास समिति की ओर से बुधौल स्थित खुरी तट पर बड़ा सा जलसा आयोजित कर नदी पर हो रहे अतिक्रमण के
विरुद्ध आंदोलन की बात कही गई थी । नदी नहर पइन बचाओं अभियान के तहत कई और निर्णय लिए गए थे किन्तु आज इस विषय पर कोई बात तक नहीं करता । खबर सुप्रभात ने खुरी तट पर कचरा डंपिंग और अतिक्रमण के खिलाफ विजुअल भी चलाया किन्तु न ही नगर परिषद के हुक्मरानों पर कोई असर पड़ा न ही जिला प्रशासन ने कोई ध्यान दिया । 70 लाख से भी अधिक राशि नगर की सफाई समेत कूड़े का विधिवत उठाव और प्रोसेसिंग हेतु आउटसोर्सिंग में खर्च किये जा रहे हैं किन्तु दुर्भाग्य से खुरी नदी को ही डंपिंग जोन बना दिया गया है । सूत्र बताते हैं कि कूड़ा डंपिंग एवं प्रोसेसिंग के लिए नगर से दूर स्थान निर्धारित किया गया था किन्तु वहां पर आज तक कार्य शुरू नहीं हुआ । नगर परिषद का चुनाव हुए एक साल से अधिक हो चूका है किन्तु उसके कार्य प्रणाली से अभी तक आम जनता अनजान है । इस संबंध में बुद्धिजीवियों एवं सामाजिक चिंतकों ने गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि नदी पर लगातार अतिक्रमण बढ़ने से प्राकृतिक संतुलन भी बिगड़ गया है और जिले में जलस्तर लगातार नीचे जा रहा है । अगर समय रहते इस पर संज्ञान नहीं लिया गया तो आने वाली पीढ़ियों को काफी कुछ भुगतना होगा ।