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सैनिकों का जत्था और एक गरीब चायवाला !( ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठता पर एक मार्मिक कहानी )

प्रस्तुतकर्ता श्री सुरेन्द्र कुमार अग्रवाल लखीमपुर खीरी संकलन निर्मल कुमार शर्मा गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) कड़ाके की सर्दी..!  पारा शून्य डिग्री से भी नीचे..!            कश्मीर में गश्त के दौरान सैनिकों की एक टुकड़ी पहाड़ी रास्ते से गुजर रही थी,उनका कमाण्डर भी साथ था।           रास्ता बेहद कठिन था,साथ ही अंधेरा भी घिरने लगा था..!          अब तो सैनिकों …

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आजादी के पचहत्तर वर्ष -‘कथित अमृत महोत्सव ‘ प्रोपेगेंडा,पाखंड और यथार्थ -3

गाजियाबाद से निर्मल शर्मा के कलम से _संघ द्वारा संचालित और निर्देशित भाजपा की मोदी सरकार ने आजादी के हीरक जयंती को अमृत काल घोषित किया है। अमृत काल का जश्न मनाने की तैयारी के दौर में  संघ परिवार के आचार्य संत भागवत जी के मुखारविंद से एक अमृत वचन उच्चरित हुआ था। एक व्याख्यान …

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आजादी के अमृत महोत्सव और 75 वीं बर्ष गांठ के बावजूद दलितों पर अत्याचार से गंभीर चिंता और राष्ट्रीय बहस जरुरी।

आलोक कुमार , मुख्य संपादक सह निदेशक , खबर सुप्रभात 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दिल्ली में लाल किले के प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी ने राष्ट्र को संबोधित कर रहे थे। प्रधानमंत्री का संबोधन कोई खास लोग नहीं बल्कि पुरे देश सुन रहा था। संबोधन के क्रम में देश …

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क्या स्वातंत्र्यवीर शहीद-ए -आजम भगतसिंह और बाबा बीआर अंबेडकर के सपनों का यही भारत है ?( राजस्थान के जालोर जिले में एक दलित बच्चे को पानी पीने के कथित अपराध पर उसके साथ की गई नृशंसता पूर्वक पिटाई से हुई उसकी मौत की वेदना से आहत होकर लिखा गया लेख

(गाजियाबाद) से निर्मल शर्मा का आलेख _ब्रिटिशसाम्राज्यवादियों के बूटों तले रौंदे जा रहे भारत को आजाद कराने के पीछे    स्वातंत्र्यवीर शहीद-ए-आजम भगतसिंह और बाबा भीमराव अम्बेडकर के सपनों के भारत में जातिविहीन,वर्णविहीन,धर्मविहीन केवल और केवल इंसानियत के आधार पर भारतीय गणराज्य की स्थापना करनी थी,लेकिन बहुत दुःख की बात है कि आज भारत की सत्ता …

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अपने बेटे को नीलाम करके स्वतंत्रता संग्राम में मदद करने वाला अप्रतिम दानवीर एक मुस्लिम था !

निर्मल शर्मा के कलम से *_क्या इस बात पर यकीन किया जा सकता है,कि स्वतंत्रता की लड़ाई में योगदान करने के लिए इसी भारतवर्ष में एक ऐसा बहादुर,दिलेर, दानवीर भी था जो अपने बेटे को ही नीलाम करके उससे मिले पैसे को ब्रिटिशसाम्राज्यवाद के खिलाफ लड़े जा रहे स्वतंत्रता संग्राम की जंग को समर्पित कर …

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सर्वकालीन महान “महात्मा गौतम बुद्ध
( रक्षाबंधन या रक्खासुत्तबंध दिवस: के सुअवसर पर )

(गाजियाबाद) निर्मल शर्मा के कलम से _संसार के धर्म-प्रचारकों और अपने धर्म चलाने वालों में एक दैदिप्यमान  प्रकाश स्तम्भ की तरह आकाश में अपना दिव्य प्रकाश ढाई हजार वर्षों से समस्त संसार में बिखेरने वाले एक ही महापुरुष हुए हैं,जिन्होंने अपने शिष्यों या अनुयाइयों को वैचारिक रूप से पूर्ण स्वतंत्रता प्रदान की । वे हैं …

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( रक्षाबंधन या रक्खासुत्तबंध दिवस: के सुअवसर पर )
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अंग्रेजों की दलाली करने वालों को !
तिरंगा फहराने का अधिकार नहीं है !

(गाजियाबाद)निर्मल शर्मा के कलम से _आजादी   के   आंदोलन   के    दौरान_       _अंग्रेजों  की  दलाली  करने  वालों को !_    _तिरंगा फहराने का अधिकार नहीं है !_*_मैं ! 1947 का  हिंदुस्तान  बोल  रहा  हूं  !_*               _भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान_         _अंग्रेजों की  हिमायत  करने  वालों  को !_     _तिरंगा फहराने का कोई अधिकार नहीं है !_*_मैं ! …

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तिरंगा फहराने का अधिकार नहीं है !
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क्रूर भारतीय सत्ता के कर्णधार बनाम असहाय आदिवासी समाज !
( विश्व आदिवासी दिवस पर विशेष)

गाजियाबाद , निर्मल शर्मा के कलम से ( विश्व आदिवासी दिवस पर विशेष) ✍️🔥🔥🔥🔥🧐🔥🔥🔥🔥🔥✍️ _________________ _सुप्रसिद्ध लेखक एडविन जे हेनरी Edwin J Henry ने अपनी पुस्तक ‘मेथड्स ऑफ टॉर्चर एंड एक्जेक्यूशन या ‘Methods of Torture and Execution’ ,जो वर्ष 1966 में प्रकाशित होकर आई थी,में विस्तार से लिखा है,इस पुस्तक में एडविन बताते हैं कि …

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( विश्व आदिवासी दिवस पर विशेष)
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सत्ता बदलते हि राज्य में राजनैतिक तापमान उबाल पर , भाजपा ने किया आंदोलन का शंखनाद तो महागठबंधन में मंत्री बनने का होड़।

आलोक कुमार , केन्द्रीय न्यूज डेस्क, खबर सुप्रभात बिहार में 9 जुलाई (मंगलवार) को बिहार में सत्ता बदल चुकी है और अब एनडीए सरकार का खात्मा और महागठबंधन सरकार का ताजपोशी होगा। सत्ता से आउट हुए भाजपा नेताओं ने जहां सत्ता उलट फेर के विरुद्ध महाधरना का एलान कर दिया है। वहीं महागठबंधन के नेताओं …

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जर्मनी का एडोल्फ हिटलर बनाम भारत के मोदीजी !

गाजियाबाद से निर्मल शर्मा का आलेख _दुनिया का क्रूरतम् तानाशाह एडोल्फ हिटलर 20 अप्रैल 1889 को यूरोप के एक छोटे से देश ऑस्ट्रिया के एक छोटे से शहर वॉन में पैदा हुआ था। उसने द्वितीय विश्वयुद्ध में इस दुनिया में जुल्म,बर्बरता,क्रूरता और वहशीपना की एक अकथनीय इबारत लिख दी थी ! वह 15 लाख नन्हें …

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