केन्द्रीय न्यूज डेस्क खबर सुप्रभात समाचार सेवा
खबर सुप्रभात के प्रधान संपादक सह निदेशक आलोक कुमार नें अनुमंड़ल कारागार शेरघाटी से राज्य के आलाधिकारियों को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगायी है। पत्र माननीय मुख्य न्यायाधीश उच्च न्यायालय पटना, मुख्यमंत्री बिहार सरकार, नेता प्रतिपक्ष बिहार सरकार, नेता

प्रतिपक्ष भारत सरकार, अध्यक्ष मानवाधिकार आयोग बिहार को लिखा है कि मैं एक स्वच्छ छवि का निर्भिक पत्रकार हूँ। मेरे द्वारा समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार, अफसरशाही की लचर ववस्था, सामाजिक न्याय की खबरें प्रमुखता से निष्पक्ष एवं निर्भिक रूप से अपनें पोर्टल के माध्यम से लिखी जाती रही हैं। नतीजन कुछ अधिकारियों पर विभागीय जाँच भी शुरू हो चुकी थी। तभी एक शाजीश के तहत 19 अरास्त की रात्री में तीन बजे के करीब दर्जन भर SSB के जवानों में मेरे घर औरंगाबाद जिले के अम्बा थानाक्षेत्र के ग्राम परता से जबरन दरबाजा खुलवाकर अरेष्ट किया गया। मेरे खिलाफ कोई वारंट भी नहीं दिखाया गया। बिना महिला पुलिस की उपस्थिति में मेरे घर की महिलाओं बुरा -भला कहकर घर के सीसी टीवी कैमरा एवं डीभीआर पुलिस द्वारा साक्ष्य मिटाने के उद्देश्य से लेते गये। मुझे लेकर शेरघाटी पुलिस उपाधीक्षक के पास लाया गया तत्पश्चात 20 अगस्त 25 को बाँके बाजार थाना ( जिला गया जी ) लाकर एक झुठा केस लगाकर शेरघाटी जेल भेज दिया गया है । मेरे घर पर पत्नि, दो बेटा एवं एक बेटी भयाक्रांत एक अभाव में जी रहे हैं | उनका पढ़ाई भी बाधित हो रहा है। पत्रकार आलोक कुमार नें पत्र में आगे लिखा है किए मेरे उपर लगाया गया आरोप बिल्कुल ही बनावटी एवं निराधार हैं। उन्होनें सेवानिवृत न्यायाधिश की कमिटि बनाकर अपने उपर लगाये गये आरोपों की निष्पक्ष जाँच कराने की माँग की है। ताकी सच उजागार हो सके। उन्हें भारतीय न्याय जवस्था पर पूर्ण भरोसा है।